सेक्शन की संख्या 819 से घटाकर की गई 536, जानें क्या-क्या हुए बदलाव
नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज लोकसभा में नया इनकम टैक्स बिल 2025 पेश कर दिया गया है। नए बिल में सरकार ने कानूनों के सरलीकरण पर जोर दिया गया है। इसके साथ ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 9 मार्च तक के लिए निचले सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी है। अब 10 मार्च को सुबह 11 बजे बजट सत्र का दूसरा सेशन शुरू होगा। दूसरे बजट सेशन के पहले दिन ही कमिटी अपनी रिपोर्ट दे सकती है। एक बार ये कमेटी अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश कर देती है, तो संसद बिल को पारित करने के लिए उस पर विचार करेगी।
नया कानून पुराने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की जगह लेगा, जो कि मौजूदा समय में पुराना पड़ चुका है और बार-बार संशोधनों के कारण काफी पेचीदा हो गया है। नए इनकम टैक्स बिल 2025 में सरकार ने सुधारों और कानून को सरल बनाने पर जोर दिया है। नए इनकम टैक्स बिल 2025 में सेक्शन की संख्या घटाकर 819 से 536 कर दी गई है। इसमें अनावश्यक छूटों को समाप्त कर दिया गया है और साथ ही नए बिल में कुल शब्द संख्या 5 लाख से घटाकर 2.5 लाख कर दी गई है। नए इनकम टैक्स बिल में चीजों को आसान बनाने पर फोकस किया गया है। इसी के साथ ही ‘असेसमेंट ईयर’ को ‘टैक्स ईयर’ से रिप्लेस किया जाएगा।
नया टैक्स कानून एक अप्रैल, 2026 से अमल में लाया जाएगा। लोकसभा में पेश होने के बाद, नए कानून को आगे के विचार-विमर्श के लिए वित्त पर संसदीय स्थायी समिति को भेजा जाएगा। यह बिल मौजूदा टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं करेगा या दी गई टैक्स छूट को कम करेगा। इसके बजाय नए कानून का लक्ष्य छह दशक पुराने कानून को मौजूदा समय के अनुकूल बनाना है। इससे भारत का टैक्स बेस मजबूत होगा और लंबे समय में आय स्थिरता में सुधार होगा। यह कानून भारत के टैक्स सिस्टम को ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिस के करीब भी लाता है।
नए इनकम टैक्स बिल 2025 की एक प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें टेक्नोलॉजी से संचालित असेसमेंट पर ध्यान केंद्रित किया गया है। अधिक स्पष्टता सुनिश्चित करने के लिए नए इनकम टैक्स बिल में व्यक्तियों और व्यवसायों के लिए व्याख्या को आसान बनाने के लिए टैक्स प्रावधानों को समझाने के लिए तालिकाएं, उदाहरण और सूत्र भी शामिल किए गए हैं। टैक्स कानूनों को सरल बनाकर नए इनकम टैक्स बिल 2025 में सरकार की कोशिश है कि बिजनेस अपना ध्यान वृद्धि पर लगाए न कि टैक्स प्लानिंग पर। इससे देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में मदद मिलेगी।