नई दिल्ली: किसानों की एमएसपी की लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। एक बार फिर किसान दिल्ली कूच की तैयारी में हैं। दिल्ली के रामलीला मैदान में सोमवार को सुबह 10 बजे से किसानों का महापंचात होना है, जहां देशव्यापी आंदोलन को लेकर फैसला किया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने आज, रविवार को प्रेस कांफ्रेंस में इसका ऐलान किया। किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर दिल्ली पुलिस कल महापंचायत में आ रहे किसानों को रोकती है या परेशान करती है तो कोई बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है।
किसान नेता दर्शनपाल ने बताया कि इस बारे में राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भी दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की मांग याद रहनी चाहिए। किसान नेता हनन मोल्ला ने कहा कि सरकार ने वादाखिलाफी की। आंदोलन खत्म किए जाने और लिखित के बाद भी सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया। किसान आंदोलन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आश्वासन के बाद 14 महीने पहले स्थगित कर दिया गया था। प्रधानमंत्री ने किसानों से वादा किया था कि उनकी सभी मांगें मान ली जाएंगी। उनकी अपील के बाद किसानों ने दिल्ली सीमा खाली की थी।
किसान नेता लगातार सरकार से लिखित में किए गए वादे को पूरा करने की अपील कर रहे थे। बावजूद इसके, किसानों का कहना है कि सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी, जिसके बाद आंदोलन ही एक जरिया है। किसान नेता दर्शनपाल ने 2024 लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि अब मिशन कर्जा मुक्ति और मिशन एमएसपी चलेगा और तमाम राजनीतिक दलों के सामने किसानों की मांग सबसे बड़ी चुनौती होगी। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से कहा गया है कि दिल्ली महापंचायत में 500 किसानों के पहुंचने की उम्मीद है। किसानों ने सितंबर 2020 में संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं एक साल लंबा आंदोलन किया। किसानों ने तीनों कानूनों को किसान विरोधी करार दिया था। इसके बाद नवंबर 2021 में सरकार को तीनों कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। कानूनों की वापसी के अलावा किसानों की दूसरी सबसे बड़ी मांग एमएसपी थी, जिसके बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों का आश्वस्त किया था, लेकिन किसान नेताओं का आरोप है कि उन्होंने अपने वादे को पूरा नहीं किया।
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