अमृतसरः सरकार ने मंडियों में धान की सरकारी खरीद शुरू कर दी है। वहीं किसान भी मंडियों में धान लेकर पहुंचना शुरू हो गए हैं। इसी कड़ी के तहत किसान भगतां वाला दाना मंडी में धान की नई फसल लेकर पहुंचे। इस दौरान किसानों ने मंडी की समस्याओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि मंडी प्रबंधन ने प्रवेश द्वार पर लिख दिया है कि धान की नमी 17 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इस स्थिति से किसान निराश दिखे।
धान लेकर पहुंचे किसान लखविंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने लगभग 6 एकड़ फसल बेची, लेकिन उन्हें बहुत कम रेट मिला। उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण हमारी फसल को पहले ही काफी नुकसान हुआ है, ऊपर से मंडी में हमें सही रेट नहीं मिल रहा। सड़कें भी खराब हैं, मंडी तक पहुंचना मुश्किल था। प्रशासन कहता है कि फसल सुखाकर लाओ, लेकिन हमारे पास न तो सुखाने की मशीनें हैं और न ही कोई और साधन। मजदूरी और कटाई पर 7 हजार रुपये खर्च हो चुके हैं, अब सिर्फ घाटा ही घाटा दिख रहा है।
इस बीच, एक अन्य किसान सुखविंदर पाल सिंह ने बताया कि एक तरफ पंजाब बाढ़ और बारिश की मार झेल रहा है। लगातार बारिश के कारण फसल गीली हो गई है और उसे सिर्फ मंडी में पंखे चलाकर ही सुखाया जा सकता है। नई फसल में नमी सामान्य है, लेकिन मंडी के हालात ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पहले सरकार ने धान की फसल का रेट 3300 से 3500 रुपये रखा था, लेकिन यहां आने के बाद उन्हें धान की फसल का रेट सिर्फ 2300 रुपये के आसपास ही मिल रहा है।