ऊना/ सुशील पंडित: हाल ही में जिला के किसानों के बिजली बिल में अप्रत्याशित बढ़ोतरी को रोल बैक करवाने पर किसानों ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और ऊना के विधायक सतपाल सिंह सत्ती का आभार व्यक्त किया है। दूसरी तरफ विधायक ने भी सरकार पर लोगों की जेब पर डाका डालने का आरोप लगाया। किसानों में रोबिन सैनी, अनिल कुमार, रमेश सैनी, राजकुमार, प्रभात, कुलदीप, लाजपत, मनप्रीत सिंह और अनूप चंद ने बताया कि वह खेती-बाड़ी का काम करते हैं, जिसके चलते उन्होंने फसलों की सिंचाई के लिए निजी नलकूप की व्यवस्था भी की है। लेकिन पिछले कुछ समय से इसी नलकूप का करीब 1500 से 1600 रुपये के बीच आने वाले उनके मासिक बिजली बिल में अप्रत्याशित बढ़ोतरी दर्ज की गई।
बिजली का यह बिल 7500 रुपये को भी क्रॉस कर गया। उन्होंने इस मामले को स्थानीय विधायक सतपाल सिंह सत्ती से उठाया था, इसके बाद विधायक ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के साथ मिलकर सरकार को उसकी गलती का एहसास करवाया और यह सारे बिजली बिल दुरुस्त करवाए गए। दूसरी तरफ विधायक सतपाल सिंह सत्ती का कहना है कि मौजूदा प्रदेश सरकार किसी भी तरीके से लोगों की जेब से पैसा निकालने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि पुलिस को चालान करके जनता को तंग करने का आदेश दे दिया गया है दिया गया है। जिला में रोजाना लोगों के चालान काटकर एक से डेढ़ लाख रुपए तक वसूली की जा रही है।
उन्होंने कहा कि पुलिस की हालत तो ऐसी हो चुकी है कि जिला भर में धड़ल्ले से अवैध खनन हो रहा है, लेकिन पुलिस खनन माफिया पर हाथ डालने से भी घबराती नजर आ रही है। जिला की कानून व्यवस्था का पूरी तरह जनाजा निकल चुका है लेकिन पुलिस सरकार के इशारे पर लोगों को दोनों हाथों से लूटने में लगी है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार जनता से पैसे लूट कर अपने ऐशो आराम पर खर्च कर रही है। पिछले करीब ढाई साल में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से आज दिन तक एक भी विकास कार्य शुरू नहीं किया जा सका।
जबकि पूर्व सरकार द्वारा करवाए जा रहे विकास कार्यों को भी वहीं पर रोक दिया गया। उन्होंने कहा कि हद तो तब हो गई, जब इस सरकार ने गरीब किसानों को भी बिजली बिल के बहाने लूटना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि बिजली बिलों में यह बढ़ोतरी गरीब किसानों के साथ सीधे तौर पर अन्याय है। सरकार को उसकी गलती का एहसास करवा कर किसानों को राहत प्रदान की गई है। विधायक सतपाल सत्ती ने कहा कि आगे भी सरकार के हर गलत कदम पर सिर्फ उसे सचेत नहीं किया जाएगा अपितु विरोध करते हुए अन्याय पूर्ण फैसलों को वापस करवाया जाएगा