हिमाचल: हर साल की तरह इस बार भी श्री नागणी माता जी के मेले आज से शुरु हो चुके हैं। यह मेले कुल 9 शनिवार तक चलेंगे। इन मेलों में हिमाचल समेत पंजाब और बाकी शहरों से भी श्रद्धालु माथा टेकने और अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए आते हैं। देवभूमि हिमाचल में स्थित इस पवित्र स्थान के बारे में यह मान्यता है कि यहां पर सर्पदंश से पीड़ित जो भी रोगी आता है तो माता के आशीर्वाद से उसका रोग ठीक हो जाता है। वह इस स्थान से खाली हाथ नहीं जा सकता।
श्रावण महीने से शुरु होकर इस पवित्र स्थान पर 9 शनिवारों तक मेला लगता है। जहां मंदिर के अलौकिक दृश्य के साथ-साथ इस मंदिर में स्थित दुकानें इसी मेले की शोभा को और भी ज्यादा बढ़ा देती हैं। दूर-दूर से श्रद्धालु माता नागनी के चरणों में माथा टेकने और मांगी हुई मुरादों को पूरा करने के लिए आते हैं। वहीं यदि बात कमेटी की करें तो श्रद्धालुओं के ठहरने की अच्छी व्यवस्था होती है। इसके अलावा श्रद्धालुओं के खाने-पीने के लिए भी कमेटी के द्वारा खास प्रबंध किया जाता है ताकि बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
इस बारे में जब मंदिर के पूजारी से बात हुई तो उन्होंने बताया कि इस मंदिर का 120 साल पुराना गौरव छिपा हुआ है। मान्यता के अनुसार, यदि किसी के सिर पर चोट लग जाए या यदि किसी को सांप सताए तो इस स्थान पर आने से वह दूर हो जाती है। उन्होंने कहा कि इस स्थान पर चांदी का सांप चढ़ाने से यदि किसी बच्चे को बोलने में दिक्कत हो तो वह भी दूर हो जाती है। बता दें कि इस मेले में दूर-दूर से श्रद्धालु माथा टेककर मां का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं।