नई दिल्लीः दिन की रोशनी न सिर्फ हमारी नींद और मूड को प्रभावित करती है, बल्कि यह हमारी इम्यूनिटी को भी मजबूत कर सकती है। यूनिवर्सिटी ऑफ ऑकलैंड के वैज्ञानिकों द्वारा की गई एक नई स्टडी में यह खुलासा हुआ है कि दिन का उजाला शरीर की प्रतिरक्षा कोशिकाओं-विशेषकर न्यूट्रोफिल्स – की संक्रमण से लड़ने की क्षमता को बढ़ा सकता है।
क्या होता है न्यूट्रोफिल्स?
न्यूट्रोफिल्स, शरीर में सबसे अधिक पाए जाने वाले इम्यून सेल्स में से एक हैं, जो संक्रमण की स्थिति में सबसे पहले प्रतिक्रिया देते हैं। ये एक प्रकार के श्वेत रक्त कोशिकाएं (WBCs) हैं जो बैक्टीरिया और अन्य रोगजनकों से लड़ने में अग्रणी भूमिका निभाते हैं।
वैज्ञानिकों ने इस अध्ययन के लिए मॉडल जीव के रूप में जेब्राफिश का उपयोग किया। एक पारदर्शी शरीर वाली छोटी ताजे पानी की मछली, जिसका जेनेटिक ढांचा मानव के समान होता है। इससे वैज्ञानिकों को रियल टाइम में इम्यून रिस्पॉन्स और जैविक प्रक्रियाओं का अवलोकन करने में मदद मिली।
अध्ययन में पाया गया कि न्यूट्रोफिल्स के भीतर एक सर्कैडियन घड़ी (Circadian Clock) होती है, जो इन्हें दिन और रात के चक्र की जानकारी देती है। दिन की रोशनी इस क्लॉक को “रीसेट” करती है, जिससे न्यूट्रोफिल्स की संक्रमण से लड़ने की क्षमता में वृद्धि होती है।
एक्सपर्ट की राय
यूनिवर्सिटी के मॉलीक्यूलर मेडिसिन और पैथोलॉजी डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर के अनुसार, “हमने देखा कि इम्यून रिस्पॉन्स सुबह के समय यानी मछली के एक्टिव फेज में सबसे अधिक होता है। यह एक इवॉल्यूशनरी रिस्पॉन्स हो सकता है क्योंकि दिन के समय जीव ज्यादा एक्टिव होता है और संक्रमण का खतरा अधिक होता है।”
इस रिसर्च से यह संभावना बनती है कि भविष्य में ऐसी दवाएं विकसित की जा सकती हैं जो विशेष रूप से न्यूट्रोफिल्स की सर्कैडियन क्लॉक को टारगेट करें और संक्रमण से लड़ने की इनकी क्षमता को बढ़ाएं। इसके अलावा, यह खोज सूजन संबंधी बीमारियों के इलाज में भी मददगार हो सकती है।
दिन की रोशनी सिर्फ एक प्राकृतिक रोशनी नहीं, बल्कि शरीर के इम्यून सिस्टम को सशक्त बनाने का एक अहम जरिया भी है। वैज्ञानिक अब इस दिशा में और गहराई से अध्ययन कर रहे हैं कि सूरज की रोशनी किस बायोलॉजिकल मैकेनिज्म के ज़रिए इम्यून सेल्स को प्रभावित करती है।
Disclaimer: यह जानकारी के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है। स्वास्थ्य संबंधी किसी भी उपाय को अपनाने से पहले चिकित्सकीय सलाह अवश्य लें।