- Advertisement -
HomeEntertainmentसेवा ,समपर्ण , संयम और साधना से जीता जा सकता है सब...

सेवा ,समपर्ण , संयम और साधना से जीता जा सकता है सब कुछ: रणेश राणा

रावमा पाठशाला गुल्लरवाला एनएसएस कैंप में बोले
 
 सात दिवसीय शिविर में पहुंचे थे प्रेरणादायक स्पीकर के रुप में
छात्र जीवन में हमारी संगति बहुत मायने रखती है और उसका असर हमारे पूरे जीवन पर पड़ता है
बददी/सचिन बैंसल:बददी के निकट राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गुल्लरवाला में राष्ट्रीय सेवा योजना (एन.एस.एस) चला हुआ है जिसमें चौथे दिन छात्रों ने अपने विद्यालय के आसपास के सार्वजनिक स्थलों की साफ सफाई की। रविवार को प्रथम सत्र में मोटिवेशनल स्पीकर के रुप में हिमाचल जनकल्याण समिति के संयोजक आर आर मुसाफरु ने छात्रों को कैरियर काऊंसलिंग के साथ साथ सार्थक जीवन जीने का तरीका व लक्ष्य को पूरा करने के तरीकों बारे बताया। उन्होने कहा कि विद्यालय  व कालेज में पढ़ाई करने का अर्थ यह नहीं है कि इससे हमें नौकरी मिलेगी बल्कि इसका अर्थ है कि इससे हमारा बौद्विक विकास होता है और हम इंसान की श्रेणी में आते हैं। उन्होने कहा कि आज जीवन में जो भी लक्ष्य चुनें फिर दिन रात उसी के बारे में सोचें और फालतू की बातों को अपने जीवन से हटा लें। यही उम्र होती है जब हमारी सारी मेहनत का असर हमारे पूरे जीवन में पड़ता है। उन्होने कहा कि हमें रोजाना समाचार पत्र पढऩे की आदत होनी चाहिए ताकि हमारा ज्ञानवर्धन हो सके। हमें अपने मां बाप के अलावा अपने गुरुजनों के दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए। उन्होने कहा कि हमारे छात्र जीवन में हमारी संगति बहुत मायने रखती है और उसका असर हमारे पूरे जीवन पर पड़ता है। अगर हम गलत आचरण वाले छात्रों के साथ रहते हैं तो हमारा कैरियर अगर बनना भी है तो बिगड जाएगा वहीं अगर हमारी संगत अच्छी है तो हम बुरे से बुरे दौर व संकट से भी निकल सकते हैं। एन.एस.एस. का नाम ही सेवा है तो सेवा, समपर्ण और साधना से सब कुछ जीता जा सकता है। एनएसएस के प्रभारी संजीव कुमार ने सात दिवसीय कैंप की जानकारी दी और यहां चलाई जा रही गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होने बताया कि 33 छात्र इसमें भाग ले रहे हैं और इसका समापन 8 नवंबर को होगा। वरिष्ठ प्रवक्ता वंदना अवस्थी ने छात्रों को ताकीद दी कि हमें दूसरों को जज नहीं करना है बल्कि स्वयं मेहनत करके अपनी मंजिल तक पहुंचाना है। हमारे अंदर कोई न कोई हुनर होना चाहिए क्योंकि दुनिया हुनर की कद्र करती है। छात्रों ने अलग अलग अपने संवाद में कहा कि हम अपने जीवन में पहली बार सात दिनों के लिए परिवार से अलग रहे हैं जिससे हमें बहुत कुछ सीखने को मिला है। हमें पता चला है कि अलग व स्वतंत्र रहकर कैसे जिम्मेदारियों का निर्वहन किया जाता है। हमारे मां बाप किस कद्र मेहनत करके हमें पढ़ाते हैं और हमारी जिम्मेदारियां उठाते हैं।

Disclaimer

All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest News

- Advertisement -
- Advertisement -

You cannot copy content of this page