जालंधर, ENS: फार्मा कंपनियों और नशा तस्करों के बीच पनपे बड़े गठजोड़ के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की। ईडी ने पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र राज्यों में कुल 16 ठिकानों पर छापेमारी की। जालंधर के देओल नगर में ईडी के 4 अधिकारी और 2 सीआरपीएफ के जवानों सहित सैलून मालिक के घर पर ईडी ने रेड की। ईडी की यह कार्रवाई 15 घंटे तक चली। वहीं उत्तराखंड में ऋषिकेश, हरिद्वार और काशीपुर स्थित 5 फार्मा कंपनियों के ठिकानों को खंगाला गया। देर रात तक चली इस कार्रवाई में ईडी ने दवा बिक्री, सप्लायर चेन, स्टॉक और वित्तीय लेन-देन की गहन जांच की।
ईडी की यह कार्रवाई 2024 में पंजाब एसटीएफ द्वारा 2 मादक पदार्थ तस्करों और एक कथित बिचौलिए के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है। उत्तराखंड के अलावा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में भी 16 ठिकानों पर यह कार्रवाई की गई। ईडी की जांच में सामने आया कि नशा तस्करों ने फार्मा कंपनियों के साथ मिलकर कई दवाओं की आपूर्ति नशे के रूप में इस्तेमाल के लिए की थी। इसके साथ ही, दवा निर्माण के लिए कच्चे माल की खरीद-फरोख्त की भी जांच की गई। ईडी ने पाया कि इस आपराधिक गठजोड़ के जरिए कई सौ करोड़ रुपये कमाए गए, जिसे सीधे तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग माना जा रहा है।
वहीं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने प्रेस नोट जारी करते हुए बताया कि पंजाब के जालंधर, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र राज्यों में 16 स्थानों पर अवैध रूप से साइकोट्रॉपिक/नशीले पदार्थों (अर्थात् ट्रामाडोल, अल्प्राजोलम आदि) की आपूर्ति में शामिल अंतर-राज्यीय ड्रग तस्करी नेटवर्क से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के संबंध में तलाशी अभियान चलाया। तलाशी अभियान में मेसर्स बायोजेनेटिक ड्रग्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स सीबी हेल्थकेयर, मेसर्स स्माइलैक्स फार्माकेम ड्रग इंडस्ट्रीज, मेसर्स एस्टर फार्मा, मेसर्स सोल हेल्थ केयर (आई) प्राइवेट लिमिटेड, एलेक्स पालीवाल और अन्य संबंधित व्यक्तियों से जुड़े कार्यालय और आवासीय परिसर शामिल थे।