नई दिल्ली: मोदी सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी ‘आयुष्मान भारत योजना’ की देश ही नहीं दुनियाभर में तारीफ होती है. इस योजना से गरीबों को बेहरत उपचार में मदद मिल रही है। स्वास्थ्य योजना होने के साथ ही इससे लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। केंद्र की मोदी सरकार ने आयुष्मान योजना के तहत पांच साल में 10 लाख रोजगार पैदा करने का लक्ष्य रखा था।
एक लाख से ज्यादा आयुष्मान मित्र तैनात किए
योजना के तहत सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल में एक लाख से ज्यादा आयुष्मान मित्र तैनात किए गए हैं। आयुष्मान मित्रों को वेतन के साथ अन्य सुविधाएं दी जाती हैं। अगर आप भी सरकार की इस योजना से जुड़ना चाहते हैं तो आयुष्मान मित्र बनकर हर महीने 15 हजार रुपये तक का फायदा कमा सकते हैं. आयुष्मान मित्र की भर्ती के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय और कौशल विकास मंत्रालय मिलकर काम करते हैं।
आयुष्मान मित्र का काम
आयुष्मान मित्र का मुख्य कार्य योजना से जुड़ा हर फायदा लाभार्थी को देना होता है. इन्हें सरकार की योजना से जुड़े अस्पतालों में इन्हें तैनात किया जाता है. किसी का आवेदन कराना और उसके आयुष्मान कार्ड बनवाने की जिम्मेदारी आयुष्मान मित्र की ही होती है. इनका चयन 12 महीने के कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर किया जाता है। 12 महीने पूरे होने पर इसे आगे बढ़ाया जा सकता है।
वेतन और इंसेंटिव
आयुष्मान मित्रों को हर महीने 15 हजार रुपये जाते हैं. इसके अलावा हर मरीज पर 50 रुपये का इंसेंटिव भी मिलता है। प्रत्येक जिले पर आयुष्मान मित्र की नियुक्ति होती है। इनकी नियुक्ति की जिम्मेदारी जिला स्तरीय एजेंसी करती है। चयन के बाद प्रशिक्षण की जिम्मेदारी कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की होती है।
आयुष्मान मित्र बनने की योग्यता
आवेदक को 12वीं पास होना चाहिए। साथ ही कंप्यूटर और इंटरनेट की जानकारी होनी चाहिए। आवेदक ने आयुष्मान मित्र ट्रेनिंग कोर्स पूरा किया हो और उसे स्थानीय भाषा की जानकारी हो. आवेदकों की उम्र 32 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इसकी नियुक्ति में महिला उम्मीदवारों को वरीयता मिलती है।
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