चंडीगढ़: ड्रग मनी केस में फंसे शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया की मुश्किलें लगातार बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। वहीं मजीठिया को लेकर एजेंसियों ने कार्रवाई तेज़ कर दी है। आज मजीठिया को पंजाब और हिमाचल प्रदेश के कई ठिकानों पर तस्दीक़ के लिए ले जाया जाएगा। यह कार्रवाई हाल ही में कुछ गवाहों के बयानों से सामने आई अहम जानकारी के आधार पर की जा रही है। जांच एजेंसियों को शक है कि इन ठिकानों पर मजीठिया की संदिग्ध गतिविधियों से जुड़े सुराग या सबूत मिल सकते हैं। विजिलेंस दफ्तर से 4 से 5 गाड़ियों का काफिला निकल चुका है, जिसकी वीडियो भी सामने आई है।
सूत्रों का दावा है कि मामला अब नए मोड़ पर पहुंच चुका है और जांच एजेंसियां एक-एक कड़ी को जोड़कर केस को निर्णायक दिशा में ले जाने की कोशिश कर रही हैं। मजीठिया को इन ठिकानों पर ले जाकर पूछताछ और तथ्यों की पुष्टि की जाएगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट मोड पर हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस केस में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
बता दें कि पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय वह व्यक्ति हैं, जिनके कार्यकाल में मजीठिया पर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 2021 में कांग्रेस सरकार के समय एनडीपीएस केस दर्ज किया गया था। यह केस पूर्व डीजीपी की सुपरविजन में दर्ज किया गया था। उनका साफ कहना है जो केस उस समय उन्होंने दर्ज किया था, वह ईडी की जांच के आधार पर था। वहीं, इस बार विजिलेंस ने 202ा में दर्ज केस को आधार बनाया है। उस समय भी सबूत थे, इस बार सबूत हैं।
निरंजन सिंह ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर हैं। जिन्होंने पंजाब पुलिस द्वारा दर्ज 6000 करोड़ के ड्रग तस्करी के बाद आरोपियों पर मनी लांडरिंग केस का केस दर्ज किया था। उन्होंने भोला समेत करीब 41 लोगों से पूछताछ की थी। वह बताते हैं कि भोला ने उनके सामने मजीठिया का नाम लिया था। 2013 में उन्होंने जांच शुरू की थी।