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सराज में आपदा से 500 करोड़ से अधिक का ढांचागत नुकसान: जयराम ठाकुर

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पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष ने जरोल में प्रभावितों को राहत सामग्री बांटी, कहा, सर्दियों से पहले हो बेघर लोगों के लिए प्री फेब्रिकेटेड अस्थाई घरों का निर्माण

ऊना/सुशील पंडित: पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि सराज में हुई प्राकृतिक आपदा से अभी तक करीब 500 करोड़ से अधिक का ढांचागत नुकसान हुआ है। लोगों के घरों और दुकानों को छोड़कर सेब बागीचे और सैंकड़ों बीघा कृषि योग्य जमीनें बह गईं जिससे सेब आर्थिकी और खेती किसानी को बहुत बड़ा झटका लगा है। आज से पूर्व इस कद्र नुकसान कभी नहीं हुआ। लोग बेघर तो हुए ही बल्कि आजीविका कमाने के सारे साधन भी उनसे छिन गए हैं। इस तरह ढांचागत नुकसान के अलावा कृषि और बागबानी को भी सराज में हजारों करोड़ की क्षति हुई है। 500 से अधिक तो  घर ढह गए हैं जबकि इतनी ही गौशालाएं और आंशिक रूप से घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। जिसका प्रशासन आकलन कर रहा है। मुझे लगता है ये कुल नुकसान 1000 करोड़ पार कर जाएगा। अब हमें नये सिरे से शुरुआत करनी होगी जिसके लिए हमें जहां राज्य सरकार का सहयोग चाहिये वहीं केंद्र से भी मदद मांगने मैं खुद जाऊंगा।

उन्होंने कहा कि दो दिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ मिलकर आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत करवाया है। मैं उन्हें पहले ही कह रहा था कि बिना आँखों से देखे तबाही का अंदाजा लगाना संभव नहीं है। मैंने उन्हें वस्तुस्थिति भी बताई और पुनर्वास- पुनर्निर्माण के लिए विशेष पैकेज जारी करने की अब माँग भी की है।चैलचौक से जंजैहली की 56 किलोमीटर सड़क बहाल करने में नौ दिन लग गए। यह काम बहुत जल्दी होना चाहिए था। आगे भी बिना सड़कें सही किए न बिजली के काम हो सकेंगे और न ही पेयजल की योजनाएं बहाल होंगी। लिहाज़ा मशीनों की संख्या गिनने से अच्छा है कि वास्तव में राहत पहुँचाने का प्रयास किया जाए। उन्होंने मांग उठाई कि सर्दियों से पहले ही बेघर लोगों के लिए प्री फेब्रिकेटेड अस्थाई घरों का निर्माण किया जाए ताकि लोगों को बर्फवारी के दिनों में दिक्कत न हो। अभी मकान बनाने में वक्त लग सकता है।

उन्होंने कहा कि बेशक त्रासदी ने हमें बहुत जख्म दिए हैं लेकिन उससे ज्यादा हाथ हमें थामने और संभालने के लिए उठे हैं। जिसके लिए आप सभी का  साथ हमारा हौसला है, हमारी ताकत है, जिससे हम इस मुश्किल दौर से लड़ेंगे और त्रासदी के दंश से उबरेंगे। उन्होंने कहा कि इस त्रासदी के बाद से अनगिनत संख्या में लोग, समाजसेवी संस्थाएं हमारे साथ तन–मन–धन से जुड़ी हैं। सभी का निःस्वार्थ सेवा भाव प्रशंसनीय है। इस मुहिम के लिए भारतीय जनता पार्टी का मैं विशेष रूप से आभार व्यक्त करता हूं। लोग न सिर्फ स्वयं सहयोग कर रहे हैं अपितु लोगों को भी सहयोग करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। लोगों की सेवा के लिए लोग खुद खतरनाक जगहों पर भारी भरकम बोझ उठा कर पहुंचा रहे हैं। यह सहयोग हम हमेशा याद रखेंगे।

इस त्रासदी में हमारा साथ देने के लिए देवदूत बनकर आने वाले सभी महानुभावों का हम दिल की गहराइयों से आभार व्यक्त करते हैं और उन्हें यह विश्वास दिलाते हैं कि उनकी सहायता का तिनका–तिनका, पाई–पाई आपदाग्रस्त लोगों तक पहुंचाएंगे। इस त्रासदी में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, वायुसेना, आईटीबीपी, प्रदेश पुलिस, होमगार्ड के जवानों ने अपनी जान पर खेल कर लोगों की जिंदगियाँ बचाई हैं। आप हमारे लिए किसी देवदूत से कम नहीं। आपने हमारी जान बचाने के लिए अपनी जान की परवाह नहीं की। दिन-रात, धूप-बरसात की परवाह किए बिना आप डटे रहे। बिना डरे, बिना रुके, बिना थके, निःस्वार्थ भाव से की गई आपकी इस सेवा के लिए हम आपका आभार व्यक्त करते हैं। यह दौर बीत जाएगा मुसीबत के वक्त आपका साथ हम हमेशा याद रखेंगे। उन्होंने थुनाग,धार जरोल और जंजैहली पहुँचकर प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री वितरित की। उन्होंने अपने पुश्तेनी घर का भी दस दिन बाद आज मुआयना किया जहां  उनके घर के आगे से सेब बागीचा और किचन और गऊशाला को नुकसान पहुंचा है जबकि मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया है जिसके आगे दरारे आ गई हैं।

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