मोगा: धर्मकोट क्षेत्र के अधीन पड़ते गांव दोने वाला में एक दर्दनाक मामला सामने आया है, जहां महज 45 घरों में 230 की आबादी वाले गांव आज गंभीर बीमारियों की गिरफ्त में है। गांव की ज्यादातर समस्याओं की जड़ गंदे पानी का एक 45 फीट गहरा छप्पड़ का तालाब है, जो धीरे-धीरे ज़मीन के नीचे जाकर पीने के पानी में मिल रहा है। इसके कारण कैंसर और काला पीलिया जैसी गंभीर बीमारियां गांव में तेजी से फैल रही हैं।
मंगलवार को गांव की सरपंच के 12 वर्षीय पोते की कैंसर से मौत हो गई। यह घटना पूरे गांव को झकझोर गई है और अब यहां के लोग सरकार से इस छप्पड़ की सफाई और स्थायी समाधान की गुहार लगा रहे हैं। गांव के लोगों ने बताया कि इस तालाब का गंदा पानी सीधे जमीन में रिसकर घरों में आ रहे पीने के पानी में मिल रहा है। कई परिवारों में लोग लंबे समय से बीमार हैं। गांव में 35 से 40 लोग इस समय काले पीलिया का इलाज जीरा के अस्पताल से करवा रहे हैं, जबकि अब तक 14 लोगों की मौत कैंसर और काले पीलिया से हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि बच्चे और बुज़ुर्ग बीमारियों से तड़पते हैं, जिस पर लाखों रुपये इलाज में खर्च कर दिए, लेकिन हमारी आवाज सुनने कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं आया। चुनाव के वक्त नेता जरूर आते हैं, लेकिन उसके बाद कोई सुध नहीं लेता। बुधवार को गांव की महिलाओं ने भी एकजुट होकर प्रशासन और सरकार से छप्पड़ के स्थायी समाधान की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते इसकी सफाई या बंदोबस्त नहीं किया गया, तो गांव की और जानें जा सकती हैं।