नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच में आज से सीधी उड़ानें फिर शुरु होने वाली हैं। 26 अक्टूबर में रात 10 बजे कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से इंडिगो की फ्लाइट 6E170 ग्वांगझोउ के लिए टेकऑफ करेगी। 9 नवंबर से दिल्ली-ग्वांगझोउ रुट भी शुरु हो जाएगा। यह कदम पांच साल बाद दोनों देशों के बीच एयर कनेक्टिविटी की औपचारिक तौर पर वापसी है। आज रात में उड़ने वाली यह उड़ान सिर्फ आस-मान का सफर नहीं है बल्कि एक नई कूटनीतिक शुरुआत का भी संकेत है। जहां गलवान के बाट टूटे रिश्ते ठीक होते हुए दिख रहे हैं।
पीएम मोदी और जिनपिंग की मुलाकात के बाद शुरु होगी फ्लाइट्स
31 अगस्त को त्येनजिन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि सीधी उड़ानों की बहाली पर इस समय विचार चल रहा है। इसके बाद भारत ने कूटनीति के पन्ने ऐसे पलटे कि अब सीधी उड़ानें चीन की ओर है। जून 2020 की गलवान घाटी झड़प के बाद दोनों देशो के संबंध 1962 के युद्ध के बाद अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे। कई सैन्य और कूटनीतिक दौर की बात चीत के बाद दोनों पक्षों ने एलएसी के कई विवादित इलाकों से सेना पीछे हटाई है। दोनों देशों के बीच टेंशन काफी ज्यादा बढ़ गई थी।
इसके बाद अक्टूबर 2023 में डेपसांग और डेमचोक जैसे अंतिम विवादित बिंदुओं पर समझौता हुआ। इसके कुछ ही समय के बाद कजान में मोदी-शी वार्ता में संबंध सुधारने के कई फैसले लिए गए हैं। हाल के महीनों में संबंध सामान्य करने की प्रक्रिया में कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली जैसे कदम भी शामिल थे। अब सीधी उड़ानों की बहाली इस प्रक्रिया की एक बड़ी कड़ी मानी जा रही है।
इन यात्रियों को होगा फायदा
भारत-चीन फ्लाइट शुरु होने के बाद यात्रियों, व्यापारियों और छात्रों को काफी फायदा होगा। बिजनेस डेलीगेशन्स को सीधा रुट मिलेगा। चीन जाने वाले भारतीय छात्रों का समय और पैसा भी बचेगा। इसके अलावा मेडिकल और धार्मिक यात्राओं में फायदा होगा। इस वजह से इंपोर्ट-एक्सपोर्ट में भी तेजी आएगी। एविएशन सेक्टर का अनुमान है कि पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिलने पर आने वाले महीनों में मुंबई, बैंगलुरु और चेन्नई से भी अलग-अलग शहरों के लिए उड़ानें शुरु होगी।