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धर्मशाला चंडीगढ़ नेशनल हाईवे 24 घंटों के बाद खुला जाम 

अस्पताल में हुई मौत के बाद ग्रामीणों ने लगाया था जाम

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आश्वासन देकर खत्म करवाया आंदोलन

ऊना/सुशील पंडित : मैहतपुर नगर परिषद क्षेत्र में एक निजी अस्पताल में बीते बुधवार को दविंद्र सिंह के नाक के आपेरशन के बाद युवक की मौत के मामले में ग्रामीणों में शुक्रवार सांय साढ़े तीन बजे से चक्का जाम लगाया था। जोकि शनिवार को करीब साढ़े 24 घंटों के बाद खुला हैं। इसमें पीड़ित परिवार के साथ-साथ ग्रामीणों की टीम ने उपायुक्त व पुलिस अधिकारियों के साथ वार्ता हुई। जिला प्रशासन के साथ चली कई दौर की वार्ता के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदर्शनकारियों को लिखित आश्वासन देकर उनका यह आंदोलन खत्म करवाया।

शुक्रवार रात से लेकर शनिवार सांय साढ़े तीन बजे तक कई दौर की वार्ता चली। उसके बाद निर्णय लिया गया कि मृतक के स्वजनों को 20 लाख रुपए की राशि, मृतक की पत्नी को सरकारी क्षेत्र में नौकरी व मृतक के करीब पांच साल के बच्चे को माऊंट कार्मल स्कूल में शिक्षा मुहैया कराने का प्रबंध किया जाएगा।

उपायुक्त राघव शर्मा मैहतपुर में पीड़ित परिवार व ग्रामीणों से वार्ता करने पहुंचे थे। करीब डेढ़ घंटे तक प्रशासन व पुलिस के साथ ग्रामीणों की वार्ता सिरे नहीं चढ़ी। उसके बाद अचानक ग्रामीण उपायुक्त के खिलाफ हो गए। उनके खिलाफ नारेबाजी करने लगे। आलम यह हो गया कि उपायुक्त को अपनी गाड़ी तक पहुंचने में काफी मशक्क्त करनी पड़ी। क्योंकि ग्रामीणों ने वार्ता असफल होने के बाद उपायुक्त का घेराव किया। जिसके चलते मौके पर क्यूआरटीम  ने मोर्चा संभाला। बावजूद इसके खींचतान इतनी ज्यादा हुई कि पुलिस कर्मचारियों को उपायुक्त राघव शर्मा और एसपी अर्जित सेन ठाकुर को भीड़ से बचाना काफी मुश्किल हो गया। करीब 20 मिनट तक नेशनल हाईवे पर उपायुक्त राघव शर्मा को लेकर पुलिस और भीड़ के बीच काफी देर तक गतिरोध चलता रहा। यहां तक कि उपायुक्त को रोकने के लिए लोग गाड़ी के आगे और पीछे भी लेट गए जिन्हें पुलिस कर्मचारियों ने बड़ी मुश्किल से सड़क से हटाया। सड़क पर करीब 20 मिनट तक चले गतिरोध के बाद डीसी राघव शर्मा को जिला मुख्यालय की तरफ रवाना किया गया।

बताना जरुरी है कि ऊना विस क्षेत्र के सनोली गांव के दविंद्र सिंह (38)की मौत के बाद गुस्साएं स्वजनों व ग्रामीणों ने न्याय पाने के लिए धर्मशाला-चंडीगढ़ मार्ग पर शुक्रवार को शव सड़क पर रखकर चक्का जाम कर दिया था। जाम के बाद पूरी रात भर ग्रामीण सड़क पर दरियां व गर्म कंबल व रजाईयां लेकर बैठे रहे। हालांकि इस दौरान एसडीएम ऊना ने कार्रवाई करते हुए निजी अस्पताल को बंद करते हुए सील कर दिया था। शुक्रवार को ही रात करीब सात बजे संतोषगढ़ नगर में ग्रामीणों ने जाम लगा दिया। जबकि शनिवार सुबह ऊना जिले से नंगल की तरफ जाने वाले सभी रास्तों पर वाहन खड़े करके जाम लगा दिया। इससे कामकाजी लोगों को आवागमन में काफी परेशानी भी हुई। क्योंकि दोपहिया वाहन तो चल रहे थे। लेकिन बड़े वाहनों के आवागमन पर पूरी तरह से बंद किया गया था। मैहतपुर, जखेड़ा, भटोली, अजौली, सनोली, छत्रपुर टाडा, संतोषगढ़, टाहलीवाल जाम लगाया गया था। वहां पर पुलिस टीमें मुस्तैदी के साथ डयूटी पर डटी रही।

वहीं, जिला के एसपी अर्जित सेन ठाकुर ने बताया कि मृतक की पत्नी, मां, बहन समेत अन्य रिश्तेदारों के साथ विस्तार से बातचीत की गई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की तरफ से दिए गए आश्वासन लिखित रूप में पीड़ित परिवार को दिए। वहीं इस मामले की जांच डीएसपी स्तर के अधिकारी द्वारा किए जाने की बात कही गई है।अब जिला में यातायात व्यवस्था पूर्ण रुप से बहाल कर दी गई हैं।

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