पंचकूलाः हरियाणा के डीजीपी ओपी सिंह ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्रदेश भर के सभी थाना प्रभारियों व अन्य कर्मचारियों से बैठक की। बैठक के माध्यम से ओपी सिंह ने अधिकारियों से कानूनी व्यवस्था और अन्य मुद्दों को लेकर चर्चा की।
इस दौरान डीजीपी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी प्राथमिकता रहती है कि आम लोगों के साथ अच्छा बरताव हो और अपराधियों पर नकेल कसी जाए। जब पुलिस के बड़े अधिकारियों से बात की जाती है तो वह कर्मचारी तक पहुंचते हुए देर लग जाती है। इसी के चलते अगर हमारे पास व्यवस्था है कि सभी से बातचीत की जा सकती है तो उस व्यवस्था का प्रयोग करना चाहिए और लोगों को भी सुविधा देनी चाहिए। इसी उद्देश्य से बड़े अधिकारी से लेकर छोटे अधिकारी तक बातचीत की गई है।
उन्होंने कहा कि पुलिस से मुख्य दो बाते की गई जिनमें अधिकारियों से कहा गया कि जो अधिनस्थत कर्मचारी है जिनके माध्यम से हम आरोपियों को पकड़ते हैं, उनका लिविंग और वर्किंग इनवायरमेंट सही होना चाहिए, क्योंकि अगर उनकी लिविंग सही होगी तभी वह आरोपियों पर उचित कार्रवाई करेंगे और दूसरा ये कि शरारती तत्वों को बीच रास्तें मिले और उनके वार्न करें कि अगर आप लोगों को अपना शिकार बनाएंगे तो पुलिस उनके साथ है और लोगों से ऐसा कुछ नहीं होने देंगे। इसलिए पुलिस को आरोपियों का पता होना चाहिए कि वह कहां है और क्या कर रहे हैं जिससे आरोपियों पर नकेल कसी जा सके।
इसी के साथ उन्होंने कहा कि आफिस डिजाइन इस तरह करना चाहिए कि मदद लेने आने वाले लोगों को डर महसूस न हो और वह सिंपल तरीके से आर्ग्रेनाइज करें। इसी के साथ पुलिस में संयम जरूर होना चाहिए। वहीं पुलिस अधिकारियों को अपने टेबल छोटे करने और कुर्सी से तौलिया हटाने की भी जरूरत है, ताकि मदद लेने वाला व्यक्ति खुद को छोटा महसूस न करे और सही तरीके से अपनी परेशानी बता सके।
वहीं पंजाब के पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा के बेटे की मौत मामले में बोलते हुए कहा कि इसकी जांच के लिए सीबीआई को सरकार ने लिखा है। सरकार का फैसला है कि सीबीआई करेगी तो इस मामले की जांच अब सीबीआई करेगी। वहीं पिछले दिनों आईपीएस वाई पूरन सिंह और एएसआई संदीप लाठर खुदकुशी मामले की घटना को भी दुखद बताया।