ऊना/सुशील कुमार: उपनिदेशक, प्रारंभिक शिक्षा ऊना सोम लाल धीमान ने जिले के सभी निजी विद्यालयों को निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) 2009 के तहत निर्धारित सभी मानकों की सख्ती से अनुपालना सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं।
उन्होंने बताया कि जिला के निजी विद्यालयों की दस्तावेजी जांच और सत्यापन प्रक्रिया के दौरान यह पाया गया कि कुछ विद्यालयों द्वारा अधिनियम में निर्धारित नियमों और मानकों का पूर्ण रूप से पालन नहीं किया जा रहा है, जो कि चिंतनीय है।
उप निदेशक ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत निजी विद्यालयों के संचालन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने तथा विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश निर्धारित किए गए हैं। सभी विद्यालयों को इन मानकों का पालन करना अनिवार्य है।
उन्होंने बताया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा 12(1)(सी) के तहत सभी गैर-सहायता प्राप्त निजी विद्यालयों को प्रवेश स्तर पर 25 प्रतिशत सीटें कमजोर वर्ग और वंचित समूह के बच्चों के लिए आरक्षित रखना आवश्यक है। सरकार इन बच्चों की फीस निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार संबंधित विद्यालयों को प्रदान करती है। उन्होंने सभी विद्यालय प्रबंधनों को पात्र विद्यार्थियों को प्राथमिकता के साथ प्रवेश देने और आवश्यक दस्तावेज समय पर विभाग को भेजने के निर्देश दिए।
उप निदेशक ने आगे कहा कि सभी नये एवं कार्यरत अध्यापकों की नियुक्ति एन.सी.टी.ई. (NCTE) द्वारा निर्धारित शैक्षणिक योग्यता एवं मानकों के अनुरूप होनी चाहिए तथा प्रत्येक शिक्षक का शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या विद्यार्थियों की संख्या के अनुपात में पर्याप्त रखी जाए, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित न हो।
उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों की सुरक्षा और सुविधा के लिए विद्यालयों में सभी मूलभूत सुविधाएँ अनिवार्य रूप से उपलब्ध हों। इनमें सुरक्षित एवं अग्निशमन क्षमता वाली भवन संरचना, स्वच्छ शौचालय (विद्यार्थी संख्या के अनुपात में), कम से कम 50 मीटर x 30 मीटर का खेल मैदान, प्रत्येक कक्षा का न्यूनतम आकार 8 मीटर x 6 मीटर, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, स्वच्छ पेयजल और प्राथमिक उपचार सुविधा शामिल हैं। विद्यालय प्रबंधन को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वे हिमाचल प्रदेश मोटर यान नियम, 2018 की पूर्ण अनुपालना सुनिश्चित करें तथा विद्यार्थियों, चालकों और कर्मचारियों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करें।
धीमान ने सभी निजी विद्यालय संचालकों से अपील की है कि वे आरटीई अधिनियम, 2009 के तहत निर्धारित सभी मानकों की सख्ती से अनुपालना करें और विद्यार्थियों के हित को सर्वोपरि रखें। उन्होंने कहा कि यदि औचक निरीक्षण के दौरान किसी भी निजी विद्यालय में नियमों या मानकों की अवहेलना पाई जाती है, तो संबंधित विद्यालय के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके अंतर्गत विद्यालय की मान्यता रद्द करने और नियमानुसार जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है।