ऊना/ सुशील पंडित :ऊना के विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने जिलाभर में चल रही भीषण लू को देखते हुए जिला के सभी शिक्षण संस्थानों को बच्चों की सेहत की ध्यान में रखते हुए बंद करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश भर के विभिन्न क्षेत्रों में मौसम को देखते हुए बच्चों की सुरक्षा के चलते मौसम आधारित अवकाश का प्रावधान किया गया है तो ऐसे में हिमाचल प्रदेश के सबसे गर्म इलाके ऊना के बच्चों को गर्मी झेलने के लिए छोड़ दिया गया है।
विधायक ने कहा कि भयंकर गर्मी के कारण स्कूली बच्चे भारी संख्या में बीमार होकर अस्पतालों में पहुंच रहे हैं, लेकिन वातानुकूलित कमरों में बैठे शिक्षा विभाग के अधिकारी और सरकार के नुमाइंदे इस तरफ आंखें मूंदे बैठे हैं। विधायक ने कहा कि जिला के अधिकांश सरकारी स्कूलों में बच्चों को ठंडे पानी तक की व्यवस्था नहीं है। बच्चों को पीने के लिए टंकियों में स्टोर किया गया पानी किस टेंपरेचर तक गर्म होता है, अधिकारी इस बात से भी अनजान हैं। सतपाल सिंह सत्ती कहा कि हिमाचल प्रदेश में 14 जुलाई से अवकाश देने की योजना ऊना जिले के बच्चों के लिए कुठाराघात है।
उन्होंने कहा कि पहले समय में बरसात की छुट्टियां केवल इसलिए की जाती थी क्योंकि उसे वक्त कई स्कूलों के भवन नहीं होते थे और बारिश के चलते बच्चों को बैठाने में काफी दिक्कतें होती थी, जबकि गर्मियों के मौसम में बच्चों को पेड़ों की छांव में बिठाकर भी अध्यापकों द्वारा पढ़ाई करवा दी जाती थी। जबकि कई जगहों पर बच्चों को नदी नाले पार करके स्कूल पहुंचना पड़ता था और भारी बरसात में पुल न होने के कारण यह संभव ही नहीं हो पाता था।
उन्होंने कहा कि आज के समय में स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह से मजबूत है और अब तो जगह-जगह सड़कों का जाल बिछ चुका है और नदी नालों पर पुलों की व्यवस्था भी हो चुकी है। ऐसे में 45 और 46 डिग्री सेल्सियस तापमान में ताप रहे ऊना जिला के बच्चों को गर्मियों की छुट्टियां देकर पंजाब की तर्ज पर राहत देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि किसी जगह पर स्कूल भवन या नदी नाले पर पुल की दरकार है तो प्रदेश की सरकार उसे तुरंत दूर करें। लेकिन हिमाचल प्रदेश के गर्म इलाकों को चिन्हित करते हुए वहां के अध्यापकों और अभिभावकों के साथ चर्चा करने के बाद ही छुट्टियों की योजना पर अमल होना चाहिए।
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