गाजियाबादः साइबर ठगों द्वारा एक रिटायर्ड बुजुर्ग से ठगी करने का मामला सामने आया है। जहां आईपीएस अधिकारी के नाम से फेक वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल कर हजारों रुपये वसूले गए। पुलिस को शक है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर Deepfake तकनीक से ब्लैकमेल की घटना को अंजाम दिया गया। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बनाया गया वीडियो भी पुलिस को मिला है। बुजुर्ग की बेटी ने इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस से की है। पुलिस ने मामला दर्ज कर शुरू कर दी है। पीड़ित बुजुर्ग की मोनिका शर्मा ने पुलिस को बताया कि उनके पिता को डराया और धमकाया भी गया था। जिसकी वजह से वो सदमे में हैं और उन्होंने सुसाइड तक का मन भी बना लिया था। 27 नवंबर को पुलिस ने 66d आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया। 74 साल के बुजुर्ग को एआई का इस्तेमाल कर आईपीएस अधिकारी बनकर वीडियो कॉल की गई और उन्हें डराया धमकाया गया।
उनसे कहा गया कि अगर वो पैसा नहीं देंगे तो उनके खिलाफ फेक केस दर्ज कर जेल भेज दिया जाएगा। वीडियो में उत्तर प्रदेश के रिटायर्ड आईपीएस एडीजी स्तर के अधिकारी का चेहरा आ रहा था। पुलिस ने वीडियो को जांच के लिए उसे फॉरेंसिक लैब भेज दिया है और टेक्निकल टीम द्वारा इसकी जांच जारी है। बुजुर्ग की बेटी मोनिका शर्म ने बताया कि उनके पिता के पास कुछ दिनों पहले फेसबुक से एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आई थी। जिसे एक्सेप्ट करने के बाद लगातार फोन आने का सिलसिला शुरू हो गया। एक शख्स ने वीडियो कॉल कर बताया कि वो दिल्ली के द्वारका थाने से बोल रहा है। तुमने एक लड़की से अश्लील हरकत की थी उसने सुसाइड कर लिया है। मामला काफी गंभीर है उसकी जांच की जा रही है। यह सुनकर बुजुर्ग घबार गए।
फिर एक फोन आया तो उसने सेटलमेंट करने लिए कहा। इसके बाद उनसे 74 हजार रुपये ट्रांसफर कराए। बावजूद इसके ठगी और ब्लैकमेलिंग का सिलसिला चलता है। इससे परेशान होकर पीड़ित ने खुदकुशी करने का प्रयास भी किया। लेकिन उन्होंने बेटी को इस घटना के बारे में बताया। बेटी ने पिता का फोन अपने पास रख लिया और कॉल करने वाले से बातचीत करना शुरू कर दी। इसके बाद पीड़ित की बेटी ने कवि नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आईटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। इस मामले पर एसीपी अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर दी फेक वीडियो के माध्यम से धमकाने का और फ्रॉड करते हुए ठगने का यह पहला मामला गाजियाबाद में आया है। इस मामले को सुलझाने के लिए टीमों का गठन कर दिया है साथ ही साइबर सेल की मदद भी ली जा रही है।