अमृतसरः सिखों के तीसरे गुरु श्री गुरु अमरदास जी की जयंती आज देश-विदेश में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाई जा रही है।आज सुबह से ही लोग गुरु घरों में नतमस्तक हुए। इसी के साथी ही सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। वहां आए श्रद्धालुओं ने पवित्र सरोवर में स्नान किया तथा गुरु घर में माथा टेककर सभी के कल्याण की प्रार्थना की। सचखंड श्री हरमंदिर साहिब के ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी राजदीप सिंह ने सभी श्रद्धालुओं को गुरु अमरदास जी के जन्म दिवस की शुभकामनाएं दी और श्री गुरु अमरदास जी की जीवनी बारे जागरूक किया।
उन्होंने बताया कि उनका जन्म 1479 ई. में अमृतसर जिले के बसरके गांव में भल्ला परिवार में पिता तेजभान और माता लाखो के घर हुआ था। उनकी पत्नी का नाम माता मनसा देवी था। गुरु जी के दो पुत्र मोहन जी और मोहरी जी तथा दो पुत्रियां बीबी दानी जी और बीबी भानी जी पैदा हुईं। उनको 1552 ई. में गुरुपद प्राप्त हुआ। गुरु जी ने सिख धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए अनेक कार्य किए, जैसे गोइंदवाल में बावली का निर्माण, लंगर प्रथा का विस्तार आदि।
उन्होंने कहा कि आज हमें गुरु जी के दिखाए मार्ग पर चलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बानी से जुड़ें और सिख बनें। इस अवसर पर उन्होंने देश-विदेश में रहने वाली संगत को इस पवित्र दिवस की शुभकामनाएं दीं। इस बीच, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने इस दिन सचखंड श्री हरमंदिर साहिब आने वाले श्रद्धालुओं के लिए व्यापक प्रबंध किए।