शिमलाः हिमाचल प्रदेश में सीएम सुखविंदर सुक्खू की पत्नी को राजनीति में उतारा गया। इस बार कांग्रेस हाईकमान ने सुक्खू की पत्नी को उप चुनाव को लेकर टिकट दी, जिसे बाद पार्टी में बगावत शुरू हो गई है। दरअसल, सीएम की पत्नी कमलेश ठाकुर को देहरा विधानसभा सीट से उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया गया है। उनके खिलाफ पिछला चुनाव लड़े डॉ. राजेश शर्मा ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। बुधवार को समर्थकों की मीटिंग में रोते हुए राजेश शर्मा ने कहा कि सीएम सुक्खू ने 9 घंटे तक उन्हें ओक-ओवर ( शिमला में सीएम का सरकारी निवास) में किडनैप करके रखा। सीएम और दूसरे कांग्रेस नेता उन्हें धमकी दे रहे हैं कि उसका कारोबार बंद कर देंगे।
पेशे से डॉक्टर राजेश शर्मा ने कहा कि मंत्री भी उन्हें धमका रहे हैं। डॉ. राजेश ने कहा कि यदि पुणे में उनके बच्चों की मौत होती है या फिर उनकी हार्ट अटैक से मौत होती है तो उसके जिम्मेदार मुख्यमंत्री सुक्खू होंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास अभी भी समय है। वह या तो टिकट बदल दें या फिर उन्हें मजबूरन निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस समय वह देहरा के सेनापति थे। राजा का काम सेनापति की रक्षा करना होता है। मगर मुख्यमंत्री सुक्खू ने सेनापति की रक्षा करने के बजाय सियासी मौका पाकर अपनी रानी को ही मैदान में उतार दिया है।
समर्थकों के साथ मीटिंग के बाद डॉ. राजेश शर्मा को चक्कर आया। इसके बाद समर्थक उन्हें सिविल अस्पताल देहरा ले गए हैं। टिकट कटने के बाद राजेश शर्मा काफी परेशान हैं। इससे पहले वह समर्थकों के साथ फूट-फूट कर रोए। वहीं इस बारे में CM सुक्खू ने कहा कि देहरा में प्रत्याशी को लेकर जो सर्वे हुआ। उसमें भी उनकी पत्नी का नाम आया। स्थानीय लोगों और पंचायत प्रधानों के आग्रह पर पत्नी को स्ट्रॉन्ग कैंडिडेट के रूप में मैदान में उतारा गया। मैं खुद नहीं चाहता था कि पत्नी चुनाव लड़े। मगर पार्टी हाईकमान के आदेश थे। इसलिए उम्मीदवार बनाया।
