ऊना/सुशील पंडित: लोकतंत्र प्रहरियों के अपमान की पराकाष्ठा — कांग्रेस सरकार ने बंद की लोकतंत्र प्रहरी पेंशन
प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए भाजपा पूर्व कर्मचारी प्रकोष्ठ संयोजक राजीव वशिष्ठ ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा लोकतंत्र प्रहरियों की पेंशन बंद करने का निर्णय न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि लोकतंत्र की आत्मा पर कुठाराघात है।
भारतीय जनता पार्टी इस कदम की कड़ी निंदा करती है और इसे आपातकाल के काले दौर में लोकतंत्र की रक्षा करने वाले वीर सेनानियों का अपमान मानती है। राजीव वशिष्ठ ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा से ही लोकतंत्र को कुचलने का काम किया है। जिस कांग्रेस ने देश में आपातकाल थोपकर अभिव्यक्ति की आज़ादी को बंद किया था, वही आज उन्हीं प्रहरियों की पेंशन रोककर उनके बलिदान की अवहेलना कर रही है। यह निर्णय उस मानसिकता को दर्शाता है जो देशभक्ति, त्याग और बलिदान को कभी सम्मान नहीं देती।
राजीव वशिष्ठ ने कहा कि लोकतंत्र प्रहरी वे लोग हैं जिन्होंने इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के विरोध में जेलों में अमानवीय यातनाएँ झेलीं, लोकतंत्र को बचाने के लिए संघर्ष किया, और अपने जीवन के सुनहरे वर्ष देश की आज़ादी की रक्षा में अर्पित किए। ऐसे वीर सेनानियों को सम्मानित करने के लिए भाजपा सरकार ने लोकतंत्र प्रहरी पेंशन योजना शुरू की थी ताकि उनके योगदान को स्मरण रखा जा सके। लेकिन कांग्रेस सरकार का यह कदम बताता है कि उन्हें न तो लोकतांत्रिक मूल्यों की परवाह है और न ही उन लोगों के त्याग का सम्मान जो तानाशाही के खिलाफ डटकर खड़े रहे।
राजीव वशिष्ठ ने कहा भाजपा लोकतंत्र प्रहरियों के सम्मान और अधिकारों की रक्षा सदैव करती थी है और आगे भी करेगी। राजीव वशिष्ठ ने कहा कि लोकतंत्र प्रहरी पेंशन को बंद करना कांग्रेस की कृतघ्नता का उदाहरण है। यह सरकार सत्ता के नशे में चूर होकर जनता और लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति अपना उत्तरदायित्व भूल चुकी है। राजीव वशिष्ठ ने कहा की तुरंत इस आदेश को रद्द कर लोकतंत्र प्रहरियों की पेंशन बहाल की जाए और जिन लोगों की पेंशन रोकी गई है उन्हें बकाया राशि सहित भुगतान किया जाए।