नई दिल्ली : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। अर्धरात्रि में अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के संयोग में कृष्ण जन्मोत्सव मनाने की परंपरा है। इस साल जन्माष्टमी की तिथि को लेकर लोग बहुत कन्फ्यूज है। कोई 6 सितंबर तो कोई 7 सितंबर को जन्माष्टमी का त्योहार बता रहा है। आइए जानते हैं कि आखिर जन्माष्टमी के त्योहार की सही तिथि क्या है। 6 सितंबर, दिन बुधवार को 3 बजकर 39 मिनट पर अष्टमी तिथि लग रही है, जो कि 7 सितंबर को 4 बजकर 16 मिनट तक रहेगी, यानी 6 सितंबर की रात अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का संयोग बनेगा।
इसलिए कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व श्री कृष्ण के अवतरण दिवस उत्सव के रूप में मनाया जाता है। अतः श्री कृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल के रूप में उनकी मूर्ति का पूजन करना शुभ होता है। वैसे तो लड्डू गोपाल की सोने चांदी पीतल आदि की मूर्ति होती है। किंतु अष्टधातु की मूर्ति का पूजन करना लाभप्रद होता है। जन्माष्टमी की पूजा का श्रेष्ठ मुहूर्त भी 6 सितंबर को रात 11 बजकर 56 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। यानी शुभ मुहूर्त में पूजा के लिए आपको 46 मिनट का समय मिलेगा।