ऊना/सुशील पंडित: पीएनबी आरसेटी ऊना में ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार के लिए सक्षम बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण पहल करते हुए कंप्यूटर आधारित बुक-कीपिंग कोर्स का नया प्रशिक्षण बैच शुरू किया गया। इस अवसर पर निदेशक पीएनबी आरसेटी ऊना सुधीर कुमार शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि पीएनबी आरसेटी ऊना जिले का एकमात्र ऐसा प्रशिक्षण संस्थान है, जो ग्रामीण विकास मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत तथा हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार के साथ समन्वय में कार्य कर रहा है।
उन्होंने बताया कि संस्थान का मुख्य उद्देश्य जिले में बेरोजगारी की समस्या को कम करना तथा ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान करना है। इसके अंतर्गत लघु अवधि के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें एक सफल उद्यमी बनने के लिए बैंकिंग ज्ञान, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की जानकारी, बाजार सर्वेक्षण तथा एसडब्ल्यूओटी विश्लेषण जैसी महत्वपूर्ण तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाता है।
निदेशक ने बताया कि आज(बुधवार) को एलडीएम ऊना संजीव सक्सेना की उपस्थिति में 38 दिवसीय बुक-कीपिंग (कंप्यूटर कोर्स) प्रशिक्षण बैच का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्राज डोगरा (एफएलसी) तथा आकाश भारद्वाज, सीनियर फैकल्टी उपस्थित रहे, जिन्होंने प्रतिभागियों को स्वरोजगार आरंभ करने हेतु बैंकिंग सेवाओं और वित्तीय सहयोग से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 18 से 50 वर्ष की आयु के ग्रामीण युवाओं के लिए आयोजित किया जाता है, ताकि वे स्वयं का व्यवसाय शुरू कर सकें। पीएनबी आरसेटी ऊना द्वारा प्रशिक्षण पूर्ण करने के उपरांत प्रतिभागियों को अगले दो वर्षों तक निरंतर सहयोग प्रदान किया जाता है, जिसमें कम ब्याज दर पर बैंकों से ऋण (क्रेडिट लिंकेज) प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन भी शामिल है।
निदेशक ने बताया कि इस प्रकार के सभी प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूरी तरह निःशुल्क होते हैं। संस्थान में आयोजित घरेलू प्रशिक्षण के दौरान आवास एवं भोजन की सुविधा भी निःशुल्क प्रदान की जाती है, जबकि ऑफ-साइट प्रशिक्षण के लिए डे-बोर्डिंग की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। सफल प्रशिक्षणार्थियों को सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाता है।
उन्होंने कहा कि पीएनबी आरसेटी ऊना से प्रशिक्षण प्राप्त कर कई युवा अपना स्वयं का व्यवसाय स्थापित कर चुके हैं और आज वे न केवल आत्मनिर्भर बने हैं, बल्कि दूसरों को रोजगार प्रदान कर समाज के लिए प्रेरणास्रोत भी बन रहे हैं।