नई दिल्ली : 500 साल के इंतजार के बाद 12 सितंबर को आसमान में एक धूमकेतु नजर आने वाला है, जिसका नाम ‘निशिमुरा’ है। खगोलशास्त्रियों ने इस घटना के बारे में 11 अगस्त को पता लगाया था, जो कि लगभग पूरे उत्तरी गोलार्ध में देखा जा सकेगा।
धूमकेतु निशिमुरा को जापान के एक खगोल फोटोग्राफर हिदेओ निशिमुरा ने खोजा था, जिसकी वजह से इसका नाम फोटोग्राफर के नाम पर ही धूमकेतु निशिमुरा रखा गया। वहीं धूमकेतु निशिमुरा का वैज्ञानिक नाम C/2023 P1 है। वैज्ञानिकों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार,निशिमुरा धूमकेतु की परिक्रमा अवधि लगभग 500 साल की है। इससे पहले ये आखिरी बार साल 1588 में पृथ्वी के आसपास से गुजरा था। 17 सितंबर को एक बार फिर यह सूर्य के करीब से गुजरेगा। इससे पहले 13 सितंबर को यह पृथ्वी के सबसे करीब पहुंच सकता है और 12 सितंबर से ही यह दिखाई देना शुरू हो जाएगा।
वैज्ञानिकों के अनुसार, धूमकेतु निशिमुरा 3.86 लाख किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। 12 सितंबर को ये पृथ्वी से महज 12 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर होगा, जिसकी वजह से इसे बिना किसी दूरबीन के भी देखना संभव होगा। ऐसी घटनाओं को देखने का सबसे बेहतर समय सूर्योदय और सूर्यास्त का माना जाता है। स्पेस साइंटिस्ट्स के मुताबिक धूमकेतु निशिमुरा के 1.8 की तीव्रता से चमकने की उम्मीद है। औसतन, व्यक्तियों को लगभग हर दस साल में एक बार नग्न आंखों वाले धूमकेतु को देखने का अवसर मिलता है, धूमकेतु निशिमुरा उन्ही घटनाओं में से एक है, जिसे आप आसानी से नग्न आंखों से देख सकते हैं।