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CM सुक्खू के विज़न से तकनीकी शिक्षा में क्रांति, 348 संस्थान बन रहे आधुनिक प्रशिक्षण केंद्र

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हिमाचल : हिमाचल प्रदेश तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की ओर अग्रसर है। वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल के दौरान राज्य में आयोजित किए गए रोजगार मेलों, संयुक्त प्लेसमेंट ड्राइव और कैंपस भर्तियों के माध्यम से 12,378 युवाओं कोे रोजगार मिला है। राज्य में अब तक 14,421 से अधिक छात्रों और 1,203 संकाय सदस्यों ने मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज और स्टडी वेब ऑफ एक्टिव लर्निंग फॉर यंग एस्पायरिंग माइंड्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से डिजिटल लर्निंग प्राप्त की है। तकनीकी और व्यावसायिक संस्थान अब केवल डिप्लोमा और डिग्री प्रदान करने तक ही सीमित नहीं हैं। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के दूरदर्शी नेतृत्व में यह क्षेत्र रोज़गार सृजन, औद्योगिक सहयोग, नवाचार और भविष्य के लिए कुशल युवाओं को तैयार कर रहा है।

व्यवस्था परिवर्तन की मुहिम के तहत वर्तमान सरकार द्वारा शुरू किए गए सुधारवादी निर्णयों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। वर्तमान में परंपरा-आधारित प्रशिक्षण से हटकर ए-आई आधारित अत्याधुनिक पाठ्यक्रमों का युवाओं को ज्ञान दिया जा रहा है। राज्य भर में 348 तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का एक मज़बूत नेटवर्क कार्यरत है, जिसमें सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों के इंजीनियरिंग कॉलेज, फ़ार्मेसी कॉलेज, पॉलिटेक्निक और आईटीआई संस्थान शामिल हैं। सुलह में सरकारी फ़ार्मेसी कॉलेज और जंडौर में सरकारी पॉलिटेक्निक की स्थापना गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा कोे विस्तार प्रदान कर रही है। तकनीकी शैक्षणिक संस्थानों में भविष्योनमुखी पाठ्यक्रमों को शुरू किया गया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस, इलेक्ट्रिक व्हीकल टैक्नोलॉजी में एम.टेक, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, मेक्ट्रोनिक्स सहित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में 19 आधुनिक व्यावसायिक ट्रेड शुरू किए गए हैं।
राज्य के तकनीकी शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रीय स्तर के अनुसार प्रशिक्षुओं को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। जेएलएन राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, सुंदरनगर के चार स्नातक कार्यक्रमों को राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड द्वारा मान्यता प्रदान करना शैक्षणिक उत्कृष्टता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के सहयोग से 11 सरकारी आईटीआई संस्थानों में ड्रोन सेवा तकनीशियन प्रशिक्षण शुरू करना सरकार की भविष्योन्मुखी सोच को प्रदर्शित करता है। संस्थानों द्वारा 128 प्रशिक्षुओं को पहले ही प्रमाणित किया जा चुका है। राज्य के युवाओं के लिए ड्रोन इको सिस्टम तैयार किया जा रहा है।

उद्योग-संस्थान संबंधों को मजबूत करने के लिए विभाग ने औद्योगिक भागीदारों के साथ 170 से अधिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे प्लेसमेंट और इंटर्नशिप के लिए एक प्रणाली तैयार हो रही है। एनएटीएस और एनएपीएस योजनाओं के तहत औद्योगिक टूर के माध्यम से प्रशिक्षुओं को औद्योगिक अनुभव प्रदान किया जा रहा है। राज्य के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की अधोसंरचना को सुदृढ़ किया जा रहा है। इसके तहत एडीबी द्वारा वित्त पोषित हिमाचल प्रदेश कौशल विकास परियोजना के तहत, 80.98 करोड़ रुपये की लागत से 50 आईटीआई, एक पॉलिटेक्निक और एक इंजीनियरिंग कॉलेज की मशीनरी और उपकरणों का उन्नयन किया गया है जिससे लगभग 5,880 छात्र लाभान्वित हुए हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम, कंप्यूटर, बिजली की बचत करने वाले इनवर्टर, ऑन-ग्रिड सौर संयंत्र और सौर स्ट्रीट लाइट जैसी स्मार्ट सुविधाएं अनेक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में स्थापित की जा रही है। राष्ट्रीय केंद्रों और वैश्विक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों के क्षमता निर्माण को संस्थागत रूप दिया गया है।

केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत, 36 आईटीआई को 1.20 करोड़ रुपये की लागत से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम, 89 लाख रुपये की लागत से 10 आईटीआई की आईटी और कोपा प्रयोगशालाओं को 120 आधुनिक कंप्यूटरों से लैस किया गया, 37 आईटीआई में 1.66 करोड़ रुपये की लागत से 10 केवीए बिजली-बचत इनवर्टर, 36.75 लाख रुपये की लागत से तीन औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में 25 किलोवाट के ऑनग्रिड सोलर प्लांट और 16 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ 11.79 करोड़ रुपये की लागत से 9 वाट की 100 सोलर लाइटें लगाकर इन्हें ऊर्जा कुशल व हरित शिक्षण संस्थान बनाया गया है। तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश में अभूतपूर्व सुधार किए जा रहेे हैं और इन सुधारों के फलस्वरूप प्रदेश के युवा कौशल संवर्धन कर रोजगार प्रदाता के रूप में स्थापित हो रहे हैं। तकनीकी संस्थान कौशल सृजन, रोज़गार सृजन, नवाचार को बढ़ावा देने और अर्थव्यवस्था को गति देने वाले संस्थानों में बदल रहे हैं। भविष्योन्मुखी पाठ्यक्रमों, सुदृढ़ बुनियादी ढांचे, औद्योगिक एकीकरण और बेहतर प्लेसमेंट परिणामों के साथ, वर्तमान सरकार ने हिमाचल प्रदेश को तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा में एक आदर्श राज्य बनाने की मज़बूत नींव रखी है।

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