शिमलाः पंजाब और हरियाणा के बीबीएमबी पानी के मुद्दे को लेकर पहले ही मामला गरमाया हुआ है। हरियाणा को पानी की एक बूंद अतिरिक्त ना दिए जाने का पंजाब के सीएम भगवंत मान द्वारा ऐलान पहले ही किया जा चुका है। जिसको लेकर बीते दिन सीएम मान ने सभी पार्टियों नेताओं को बुलाकर बैठक भी की थी। इस दौरान पंजाब भाजपा प्रधान ने भी सीएम मान के फैसले को सही बताते हुए पंजाब की एक बूंद अतिरिक्त किसी राज्य को नहीं देने का ऐलान किया था। वहीं आज हरियाणा के सीएम नायाब सैनी ने भी आज सभी पार्टी के नेताओं के साथ दोपहर 2 बजे बैठक रखी है।
जिसमें पानी के मुद्दे को लेकर बात की जाएंगी। इन 2 राज्यों के पानी के मुद्दे के बाद अब हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की भी एंट्री हो गई है। दरअसल, आज सीएम सुक्खू ने कि जब हमने बीबीएमबी से अपने हक के लिए कहा तो पंजाब और हरियाणा दोनों ने ही हमारा साथ नहीं दिया। सुखविंदर सिंह ने कहा कि हमारी चिंता यह है कि हमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 12% रॉयल्टी मिलनी चाहिए। सीएम सुक्खू ने कहा कि जो पानी आता है उसका अधिकतम बंटवारा पंजाब-हरियाणा और राजस्थान को मिलता है। उन्होंने कहा कि तीनों राज्यों को मिलकर पानी के मसले पर मिल बैठकर बात करनी चाहिए।
लेकिन हमारा मुद्दा यह है कि जब हिमाचल ने पानी से आय कमाने की सोची तो हमारा दोनों राज्यों ने विरोध कर दिया। उन्होंने कहाकि पानी पर हम अपना अधिकार नहीं मांग रहे। लेकिन जो बिजली में हमारा हिस्सा है और उसको लेकर हमारी जमीन चली गई। लेकिन लड़ाई पानी को लेकर पंजाब और हरियाणा की हो रही है। सीएम सुक्खू ने कहा कि जब बीबीएमबी की बैठक में आते है तो हिमाचल के अधिकारों को सुरक्षित करने में वह हमारा सहयोग करें। पानी राष्ट्रीय संप्रदा है, मिलकर इसका मसला हल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल की बात है जो सुप्रीम कोर्ट के अनुसार बिजली की 7 प्रतिशत हमें मिलती है, लेकिन वह चाहते है 12 प्रतिशत के हिसाब से हिमाचल को उसका अधिकार मिले।