अंबालाः आप पार्टी भले ही कांग्रेस के साथ ‘इंडिया गठबंधन’ में साथ है, लेकिन वह अब पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के साथ बिना गठबंधन के चुनाव लड़ेगी। अक्टूबर में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में 90 विधानसभा सीटों पर आप पार्टी अकेले चुनाव लड़ेंगी। दरअसल, विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य में राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि उनकी आप पार्टी पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी अकेले चुनाव लड़ेंगी।
सीएम मान ने कहा कि वह किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी। भगवंत मान ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि वह आप पार्टी एक दशक के भीतर राष्ट्रीय पार्टी बन गई है। हम 2 राज्यों (दिल्ली और पंजाब) में सरकार चला रहे हैं। हमने हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। लेकिन इसके लिए हम किसी भी राजनीतिक दल से कोई गठबंधन नहीं करेंगे।
मान ने कहा कि हरियाणा एक ऐसा राज्य है, जिसने सभी दलों को मौके दिए हैं लेकिन कोई भी यहां के लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। सीएम मान ने कहा कि अरविंद केजरीवाल हरियाणा के ही हैं। ऐसे में हमारी उम्मीदें बहुत हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा के बीच बहुत समानताएं हैं। आधा हरियाणा पंजाबी बोलता है। बता दें कि आम आदमी पार्टी 20 जुलाई को हरियाणा के लिए केजरीवाल की गारंटी जारी करेगी। इस मौके पर केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल भी मौजूद रहेंगी।
बता दें कि इससे पहले आम चुनाव में हरियाणा में इंडी गठबंधन ने एक साथ चुनाव लड़ा था। प्रदेश की 10 सीटों पर नौ पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार उतारे थे, जबकि एक सीट कुरुक्षेत्र से आम आदमी पार्टी ने अपने उम्मीदवार के रूप में सुशील गुप्ता को चुनावी मैदान में उतारा था।
प्रदेश में कांग्रेस ने पांच सीटों पर कब्जा जमाया था, जबकि अन्य सीटों पर भाजपा ने बाजी मारी। कुरुक्षेत्र से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सुशील गुप्ता को भाजपा के नवीन जिंदल से शिकस्त का सामना करना पड़ा। हरियाणा में आम आदमी पार्टी को हार मिली। इसे लेकर हरियाणा आप के उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने कांग्रेस नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुछ ताकतों ने प्रयास किया है कि आम आदमी पार्टी की भ्रूण हत्या कर दी जाए।