चंडीगढ़, 5 अक्टूबर, 2024: पंजाब के मिलर्स एसोसिएशन ने शनिवार को अपनी हड़ताल समाप्त कर दी। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मिलर्स को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उनकी सभी उचित मांगों को भारत सरकार के सामने रखेगी।

मुख्यमंत्री ने एसोसिएशन के साथ बैठक के दौरान बताया कि राज्य सरकार ने पहले ही भंडारण की कमी के मुद्दे को भारत सरकार के समक्ष रखा था, जिसके बाद केंद्रीय सरकार ने दिसंबर 2024 तक राज्य में 40 लाख टन और मार्च 2025 तक 90 लाख टन भंडारण की जगह खाली कराने का आश्वासन दिया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि एफसीआई ने राज्य में 15 लाख टन गेहूं और धान की सुचारू रूप से निकासी के लिए योजना प्रस्तुत की है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार के स्वामित्व/भाड़े पर लिए गए गोदामों में लगभग 48 लाख टन गेहूं संग्रहीत है, जिसकी निकासी मार्च 2025 तक की जाएगी। इसके बाद मुक्त भंडारण का उपयोग धान भंडारण के लिए किया जाएगा। इसकी निगरानी के लिए एक तीन-सदस्यीय टीम गठित की जाएगी, जिसमें डिप्टी कमिश्नर की अध्यक्षता में एफसीआई और राज्य एजेंसियों के सदस्य होंगे, जो भंडारण से अनाज की सुचारू निकासी सुनिश्चित करेंगे।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि जिन मिलर्स के पास 5000 टन से अधिक धान भंडारण क्षमता है, उन्हें 5% अधिग्रहण लागत के बराबर बैंक गारंटी देनी होगी। हालांकि, अब से बैंक गारंटी की बजाय मिल की जमीन के भूमि अभिलेख के आधार पर विभाग के पक्ष में लियन लिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, उन्होंने लंबे समय से लंबित 10% सीएमआर सिक्योरिटीज़ की वापसी पर भी सहमति दी।
सीएम ने मिलर्स को बड़ी राहत प्रदान करते हुए सहमति दी कि अब से मिलर्स को सीएमआर का भुगतान 10 रुपये प्रति टन की दर से करना होगा। उन्होंने मिलर्स की एक अन्य मांग पर सहमति जताई कि मौजूदा मिलों के आवंटन के लिए भौतिक सत्यापन से छूट दी जाएगी। साथ ही, उन्होंने सहमति दी कि केएमएस 2024-25 के लिए मिलिंग प्रक्रिया एफआरके टेंडर के बाद शुरू होगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि डिप्टी कमिश्नर सुनिश्चित करें कि धान की कटाई शाम 6 बजे से सुबह 10 बजे तक न की जाए ताकि नमी की जांच हो सके। उन्होंने मंडी बोर्ड को एफसीआई की तर्ज पर नमी मापक यंत्र खरीदने का निर्देश भी दिया, जिससे 17% नमी की सीमा में धान की खरीद सुनिश्चित हो सके। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार धान खरीद में ड्रियेज बहाली को 0.50% से बढ़ाकर 1% करने, चावल की परिवहन लागत की प्रतिपूर्ति करने, और बैकवर्ड मूवमेंट चार्ज न लेने जैसे मुद्दों को भी केंद्र सरकार के समक्ष उठाएगी।