लुधियानाः लुधियानाः पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की विभिन्न राजनीतिक मुद्दों पर विपक्षी नेताओं को खुली चुनौती के बाद लुधियाना यूनिवर्सिटी पहुंच गए है। आज यानी बुधवार को लुधियाना में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) में होने वाली खुली बहस कार्यक्रम के कारण राज्य की राजनीति सुर्खियों में रहेगी। जहां पारा पूरी तरह से चढ़ा हुआ है वहीं अब पूरे पंजाब के आम लोगों की निगाहें भी इस महाबहस की कार्यवाही पर टिकी हुई हैं। वहीं, मंच पर कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और अकाली दल के नेताओं के लिए लगाई गई कुर्सियां खाली दिखाई दी। हालांकि अकाली दल ने डिबेट में शामिल होने के लिए मना कर दिया है। वहीं इस दौरान सीएम भगवंत मान ने पंजाब के मुद्दों को लेकर अहम बाते कही। इस दौरान उन्होंने कहाकि आप लोगों को रौंगटे खड़े हो जाएंगे कि अपने स्वार्थ के लिए पंजाब का क्या कुछ बेच दिया गया। सीएम मान ने कहा कि आज होने वाली डिबेट में जीत हार का मुद्दा है।
इस दौरान ना ही यहां पर कोई हुल्लड़बाजी होगी। सीएम मान ने कहा कि 25 दिनों से बहाने लगाते हुए विपक्ष यहां पहुंच गए कि अब कह रहे है कि हम डिबेट का हिस्सा नहीं लेंगे। सीएम मान ने कहा कि जिस दिन मैंने डिबेट को लेकर टवीट किया था शायद उस दिन विपक्ष हैरान हो गया होगा। उन्होंने कहा कि पहली बार हुआ है कि विपक्ष की तीनों पार्टियां सत्ता से बाहर हो गई और पहली बार हुआ है कि डिबेट करने का इनके साथ सरकार को मौका मिला है। एसवाईएल को लेकर उन्होंने कहा कि इंद्ररा गांधी ने नोटिफिकेशन के जरिए हरियाणा और पंजाब के पानी का कुछ प्रतिशत हिस्सा कर दिया गया।
1977 में अकाली की सरकार आई, इस दौरान परकाश सिंह बादल सत्ता में 3 साल रहे, लेकिन पानी को लेकर कोई बात नहीं की। उसके बाद 1979 को अकाली सरकार ने हरियाणा सरकार से नहर के लिए 1 करोड़ रुपए ले लिए। जिससे पता चलता है कि उनकी एसवाईएल को लेकर सहमती थी। सीएम मान ने कहा परकाश बादल द्वारा जमीन के लिए एमरजैंसी लैंड की अर्जी लगाई गई। जिसके बाद बाहर लोगों को दिखाया जा रहा है कि पानी की कुर्बानी के लिए तैयार रहो, हमने पानी बाहर नहीं जाने देना। उसके कुछ साल बाद 1998 में अकाली सरकार ने अर्जी के जरिए भाखड़ा में नहर की मिट्टी को ऊंची करने के लिए फिर हरियाणा सरकार से पैसे लिए। इस दौरान सीएम मान ने हरियाणा को पानी देने के लिए हरियाणा सरकार का घेराव किया। इस दौरान सीएम मान ने पंजाब के ट्रांसपोर्ट सहित कई मुद्दों को लेकर बात की।
उधर, पीएयू में होने वाली महा डिबेट से पहले अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि लुधियाना में 1 नवंबर, 2023 (पंजाब दिवस) को लेकर कर्फ्यू लगाया गया। सार्वजनिक प्रवेश वर्जित किए गए है। दंगा निरोधक टीमें तैनात की गई है। संगठनों/संगठनों के प्रतिनिधियों को हिरासत में लिया गया। ऐसे प्रतिबंधों के तहत यह किस तरह की “खुली बहस” हो रही है?
1200 सीटों की क्षमता वाले समर्था वाले ऑडिटोरियाम में बेहद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बहस के लिए मंच तैयार किया गया है, लेकिन कल शाम आखिरी मिनट तक राजनीतिक दलों की ओर से इस संबंध में बयानबाजी जारी रही। अब इस बहस में शामिल होने के लिए बुलाए गए विपक्षी दलों के बड़े नेताओं को लेकर भी स्थिति काफी हद तक साफ हो गई है। वहीं, हाल ही में इस बहस में सीमित लोगों की मौजूदगी और आम लोगों की भागीदारी पर लगी रोक से स्थिति दिलचस्प हो गई है।