चंडीगढ़ः लोकसभा चुनावों में खडूर साहिब से अमृतपाल सिंह ने आजाद चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। हालांकि चुनाव जीतने के बाद वह शपथ समारोह में शामिल नहीं हो पाए। वहीं जेल में बंद प्रधानमंत्री बाजेके ने भी हाल ही में गिदड़बाहा सीटे से उप चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। जिसके बाद अब असम की डिब्रूगढ़ जेल में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के साथ कुलवंत सिंह राउके ने बरनाला विधानसभा उपचुनाव लड़ने का ऐलान किया है। मामले की जानकारी कुलवंत के भाई महा सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान सांझा की। महा सिंह ने कहा कि उसने शुक्रवार को अपने भाई से फोन पर बात की। उन्होंने जेल में रहते हुए बरनाला उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है।
हम उनका पूरा समर्थन करेंगे। मोगा जिले के राउके कलां गांव के रहने वाले राउके (38) पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) में क्लर्क के तौर पर काम कर चुके हैं। मिली जानकारी के अनुसार पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह के वारिस पंजाब दे के सदस्यों पर कट्टरपंथी गतिविधियों में भाग लेने के आरोप में कार्रवाई के दौरान उनके घर से हिरासत में लिया था। राउके के पिता चरहत सिंह को भी पंजाब के उग्रवाद के दौर में 25 मार्च 1993 को पुलिस ने हिरासत में लिया था। वे कभी घर नहीं लौटे।
महा सिंह ने कहा कि आज तक हमें नहीं पता कि उन्हें फर्जी मुठभेड़ में मारा गया या वे अभी भी जीवित हैं। हमारे पास उनकी मौत का कोई सबूत नहीं है। उन्हें पुलिस ले गई और वे कभी वापस नहीं आए। उनके पिता को भी 1987 में एनएसए के तहत जेल में रखा गया था। महा सिंह ने कहा कि वे युवा अकाली दल के नेता थे और उन्हें पंजाब में जरनैल सिंह भिंडरावाले के खालिस्तान समर्थक आंदोलन का समर्थन करने के लिए हिरासत में लिया गया था। बाद में वे हमारे गांव के सरपंच भी बने और 25 मार्च 1993 को पुलिस उन्हें हमारे घर से जबरदस्ती ले गई। महा सिंह ने कहा- हमें नहीं पता कि उसके साथ क्या हुआ, क्योंकि हमें उसका शव कभी नहीं मिला।