पंचकूला: हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया ने आज सेक्टर-2 में स्थित कार्यालय में पत्रकारों के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि आयोग महिलाओं के अधिकारों की रक्षा, शिकायतों की जांच और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। आयोग का यह उद्देश्य है कि महिलाओं के जीवन के सभी क्षेत्रों में पूर्ण और समान भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
इस दौरान उन्होंने आयोग के सामने प्रस्तुत महिलाओं से जुड़े महत्वपूर्ण मामलों और आयोग के द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस समय आयोग के पास 30 से 35 एनआरआई से जुड़े हुए मामले हैं। ऐसे में पुलिस, दूतावास और विदेश मंत्रालय के जरिए से हम पीड़ित महिलाओं को राहत देने की कोशिश कर रहे हैं।
विश्व विद्यालयों, महाविद्यालयों और स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। छात्राओं को साइबर क्राइम से बचाव के लिए जागरुक किया जा रहा है। अब तक आयोग के द्वारा इस दिशा में 100 से ज्यादा कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। इसके अलावा कार्यस्थलों पर भी महिलाओं को पोक्सो एक्ट और साइबर अपराधों के प्रति जागरुक किया जा रहा है।
आयोग के द्वारा न सिर्फ महिलाओं से जुड़े मुद्दों का अध्ययन किया जा रहा है बल्कि उनकी कानूनी सुरक्षा को सुनिश्चित करने का कार्य भी किया जा रहा है। महिलाओं के अधिकारों के उल्लंघन से जुड़े मामलों की जांच की जाती है। संवैधानिक और कानूनी उल्लंघनों का समाधान करता है और महिलाओं को उनके परिवार और समुदाय में आने वाली दिक्कतों से राहत दिलवाने का प्रयास करता है।
महिलाओं को जो भी मुद्दे प्रभावित करते हैं आयोग के द्वारा उनका संज्ञान लिया जाता है और यह सुनिश्चित किया जाता है कि उनके साथ कोई भी उत्पीड़न या फिर भेदभाव न हो। किसी महिला के द्वारा या किसी पुरुष के द्वारा एक-दूसरे को प्रताड़ित करना, हनी ट्रेप, फर्जी शादी, ब्लैकमेलिंग जैसे मामले सबसे ज्यादा गुरुग्राम में आ रहे हैं।
इस मामले में गुरुग्राम हब बन रहा है। 30 से 35 मामले एनआरआई शादी विवाद के रिपोर्ट हो चुके हैं। यह भी सामने आया है कि कई डंकी रुट के जरिए विदेश चले जाते हैं। मिली जानकारी के अनुसार, करीबन 60% मामले ऐसे हैं जिनमें घर टूटने का कारण लिव इन रिलेशनशिप है। महिला आयोग के पास जितने भी मामले रिपोर्ट हुए हैं उसमें कुल 12 से 13 हजार मामले अनुमानित तौर पर 60% लिव इन रिलेशनशिप के हैं।