ऊना/सुशील पंडित: आत्मा परियोजना के अंतर्गत रामपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में डीएईएसआई (डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर सर्विसस फॉर इनपुट डीलर्स) कार्यक्रम के छठे बैच के इनपुट डीलर प्रतिभागियों के लिए प्रमाण पत्र वितरण समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कृषि विभाग के निदेशक डॉ. रविन्द्र सिंह जसरोटिया मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में कुल 38 इनपुट डीलरों को कृषि विस्तार सेवाओं में प्रशिक्षण पूरा करने पर डिप्लोमा प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
मुख्य अतिथि डॉ. जसरोटिया ने कहा कि डीएईएसआई कार्यक्रम इनपुट डीलरों को कृषि, बागवानी और पशुपालन के साथ-साथ इन क्षेत्रों में प्रयुक्त नवीनतम तकनीकों की जानकारी देने के लिए तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण इनपुट डीलरों को किसानों और बागवानों को तकनीकी सलाह देने में सक्षम बनाएगा, जिससे न केवल फसल की उत्पादकता में वृद्धि होगी बल्कि गुणवत्ता में भी सुधार आएगा।
आत्मा परियोजना ऊना के निदेशक वीरेंद्र कुमार बग्गा ने कार्यक्रम की जानकारी साझा करते हुए बताया कि डीएईएसआई कोर्स की अवधि 48 सप्ताह की होती है, जिसमें 40 कक्षाएं और 8 फील्ड विज़िट शामिल होती हैं। फील्ड विज़िट का उद्देश्य इनपुट डीलरों को स्थानीय कृषि समस्याओं से अवगत कराना और उन्हें समाधान हेतु उपयुक्त तकनीकों से परिचित कराना है। वीरेंद्र बग्गा ने बताया कि इस कार्यक्रम में पंजीकरण के लिए इनपुट डीलर को 20 हज़ार रूपये फीस जमा करनी होती है, जिसमें सरकार की ओर से 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। इसके अतिरिक्त, लाइसेंसधारक डीलरों को 10 हज़ार रूपये और बिना लाइसेंसधारकों को 20 हज़ार फीस जमा करनी पड़ती है।
इस मौके पर आतमा परियोजना निदेशक वीरेंद्र बग्गा, आतमा परियोजना की उप निदेशक शामली गुप्ता, उप निदेशक आतमा परियोजना -दो तनुजा कपूर, विषयबाद विशेषज्ञ पुनीत डोगरा, प्रोग्राम कॉओर्डिनेटर डॉ योगिता, सहायक तकनीकी प्रबंधक सोनिया शर्मा, सहायक तकनीकी प्रबंध ओंकार सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।