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अनिल अंबानी के बेटे पर CBI का एक्शन, 228 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी मामले में केस दर्ज

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मुबंईः देश के जाने-माने उद्योगपति अनिल अंबानी को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई ने अनिल अंबानी के बेटे जय अनमोल के खिलाफ एक्शन लिया है। दरअसल, केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई ने जय अनमोल के खिलाफ 228 करोड़ रुपये के फ्रॉड के आरोप में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। यह मामला यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया को 228.06 करोड़ रुपये का चूना लगाने से संबंधित है। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई बैंक द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर की गई है।

इस शिकायत में आरोप लगाया गया है कि अनमोल अंबानी ने अपने समूह की एक कंपनी के माध्यम से बैंक से ऋण (लोन) लिया था और बाद में ऋण चुकाने में विफल रहे, जिससे बैंक को बड़ा वित्तीय नुकसान हुआ। सीबीआई अब इस मामले में आगे की जांच कर रही है, जिसमें फंड के उपयोग और कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच शामिल होगी। शिकायत में जिन नामों का उल्लेख किया गया है उन पर IPC की धारा 120-B r/w 420, P C Act, 1988 के सेक्शन 13(2) r/w 13(1 )(d) और P C Act, 1988 के सेक्शन 7 के तहत सजा वाले अपराध करने का खुलासा हुआ है इसलिए एक रेगुलर केस (RC) रजिस्टर किया गया है।

इसके साथ ही आगे की जांच भी जारी है। बैंक की शिकायत के अनुसार, RHFL ने मुंबई स्थित बैंक की SCF शाखा से अपनी व्यावसायिक जरूरतों को पूरा करने के लिए ₹450 करोड़ की क्रेडिट लिमिट प्राप्त की थी। क्रेडिट सुविधा देते समय बैंक ने RHFL पर कई शर्तें लगाई थीं, जिनमें वित्तीय अनुशासन बनाए रखना, समय पर किस्तों का भुगतान, ब्याज और अन्य शुल्कों का भुगतान, और सभी बिक्री आय को बैंक खाते के माध्यम से रूट करना अनिवार्य था।

कंपनी समय पर किस्तों का भुगतान करने में विफल रही, जिसके कारण यह खाता 30 सितंबर 2019 को एनपीए (Non-Performing Asset) घोषित कर दिया गया। बैंक की शिकायत के आधार पर, ग्रांट थॉर्नटन द्वारा 1 अप्रैल 2016 से 30 जून 2019 की अवधि के लिए फोरेंसिक ऑडिट कराया गया। जांच में यह पाया गया कि उधार लिए गए फंड का गलत तरीके से उपयोग किया गया। फंड का डायवर्जन किया गया और धनराशि को मूल व्यावसायिक उद्देश्य के बजाय अन्य कार्यों पर खर्च किया गया।

बैंक ने स्पष्ट आरोप लगाया है कि आरोपियों ने,जो कंपनी के पूर्व प्रमोटर/निदेशक थे, खातों में हेरफेर करके फंड का धोखाधड़ीपूर्ण ग़लत अप्रोप्रिएशन किया। उन्होंने बैंक द्वारा दिए गए वित्त का दुरुपयोग किया और धन को साइफन ऑफ कर अन्य कार्यों में लगा दिया, जिसके कारण बैंक को ₹228 करोड़ का नुकसान हुआ। सीबीआई ने अब इस मामले में विस्तृत जांच शुरू कर दी है।

 

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