चंडीगढ़ः केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग से जुडे एक इंटरनेशनल नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। ये गिरोह विदेशों में नौकरी दिलाने की आड़ में भारतीयों को रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में ले जाता था। केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। एजेंसी सात शहरों में 10 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की है। अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी ने कई वीजा परामर्श फर्मों और एजेंटों के खिलाफ FIR की है। तलाशी के दौरान कई लोगों को हिरासत में लिया गया है और 50 लाख रुपये जब्त किए गए हैं।
इन 10 जगहों पर छापेमारी
मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई ने दिल्ली, तिरुवनंतपुरम, मुंबई, अंबाला, चंडीगढ़, मदुरै और चेन्नई में छापेमारी की है। यह कार्रवाई हैदराबाद के 30 वर्षीय व्यक्ति मोहम्मद अफसान के यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध में मारे जाने के एक दिन बाद आया है। अफसान को हेल्पर के काम के लिए विदेश ले जाया गया था। जिसके बाद उसे युद्ध में झोंक दिया गया। लगभग एक सप्ताह पहले गुजरात के सूरत के हामिल मंगुकिया नाम के व्यक्ति भी युद्ध में मारे गए थे।
हेल्पर के तौर पर भेजा गया था विदेश
जानकारी के मुताबिक अफसान की तरह, तेलंगाना और भारत के अन्य स्थानों के कई युवाओं को रूस में मोटी तनख्वाह पर नौकरी का आश्वासन देकर एजेंटों ने विदेश भेजा था। एजेंट ने कथित तौर पर उन लोगों से प्रति व्यक्ति 3.5 लाख रुपये भी वसूले। बाद में इन्हें यूक्रेन युद्ध में लड़ने के लिए भेज दिया गया था।
विदेश मंत्रालय ने की पहल
बता दें कि विदेश मंत्रालय ने इन व्यक्तियों की शीघ्र रिहाई सुनिश्चित करने के लिए रूसी अधिकारियों के साथ भी मामला उठाया है। विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा था कि लगभग 20 भारतीय अभी भी रूस में फंसे हुए हैं और सरकार उन्हें वापस लाने के प्रयास कर रही है।
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