चंडीगढ़ः खडूर साहिब से लोकसभा चुनाव में सबसे बड़े अंतर से जीतने वाले सांसद अमृतपाल सिंह को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। मिली जानकारी के अनुसार अमृतपाल सिंह के खिलाफ आजाद चुनाव लड़ने वाले विक्रमजीत सिंह ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में एक पटिशन दायर की है। जिसमें उन्होंने पर अमृतपाल सिंह पर चुनाव के दौरान कुछ जानकारी छिपाने के आरोप लगाए है। ऐसे में अगर जानकारियां छिपाने का मामला सच साबित होता है तो अमृतपाल सिंह के सासंद की सदस्यता रद्द भी हो सकती है।
दरअसल, अमृतपाल के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी विक्रमजीत सिंह ने अपनी याचिका का आधार 5 बिंदुओं को बनाया है। विक्रमजीत सिंह ने आरोप लगाया है कि वारिस पंजाब संगठन के प्रधान और खडूर साहिब से आजाद चुनाव जीतने वाले अमृतपाल सिंह के नामांकन दस्तावेजों में कई जानकारियां छिपाई गई हैं।
विक्रमजीत सिंह का कहना है कि नामांकन पत्र अधूरा है। आरोप है कि इसमें फंड और खर्च की जानकारी छुपाई गई है। वहीं कहा गया है कि वोट मांगने के लिए धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल किया गया और चुनाव प्रचार सामग्री बिना मंजूरी के छापी गई। आरोप लगाए गए है कि चुनाव आयोग की अनुमति के बिना सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार किया गया।
मिली जानकारी के अनुसार विक्रमजीत सिंह ने चुनाव आयोग को भी पार्टी बनाया है। याचिका पर 6 अगस्त से सुनवाई शुरू होगी। सांसद अमृतपाल सिंह, पंजाब चुनाव आयोग के चुनाव व्यय अधिकारी, मुख्य चुनाव अधिकारी, खडूर साहिब लोकसभा क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी को पार्टी बनाया गया है।
बता दें कि लोक प्रतिनिधि अधिनियम के तहत लोक सभा चुनाव के 45 दिनों के भीतर किसी जन प्रतिनिधि के चुनाव को चुनौती दी जा सकती है। यह याचिका 1971 की घटना के जरिए याद की जाती है। 1971 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी यूपी की रायबरेली सीट से सांसद चुनी गईं थी, तब राजनारायण सिंह ने उनके निर्वाचन को चुनौती दी थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने फैसले में इंदिरा गांधी के चुनाव को खारिज कर दिया था।
Disclaimer: All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read carefully and Encounter India will not be responsible for any issue.