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Amritpal Singh की रिहाई को लेकर मुहिम शुरू, विदेश के उपराष्ट्रपति तक उठा मुद्दा

Amritpal Singh की रिहाई को लेकर मुहिम शुरू, विदेश के उपराष्ट्रपति तक उठा मुद्दा Amritpal Singh की रिहाई को लेकर मुहिम शुरू, विदेश के उपराष्ट्रपति तक उठा मुद्दा

नई दिल्लीः जेल में बंद खालिस्तान समर्थक नेता अमृतपाल सिंह एक तरफ लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन गए हैं। वहीं, उन्हें जेल से रिहा करने के लिए अमेरिका में मुहिम शुरू हो गई है। अमेरिकी सिख वकील जसप्रीत सिंह ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से मुलाकात कर भारत की जेल में बंद अमृतपाल सिंह को रिहा कराने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। जसप्रीत का कहना है कि उन्होंने इस मामले का गहन अध्ययन किया है और उनका मानना है कि अमृतपाल की गिरफ्तारी गलत है। अमृतपाल सिंह की रिहाई के लिए जसप्रीत सिंह की अमेरिकी सांसदों पर दबाव बनाने की योजना है।

जसप्रीत ने यूट्यूब वीडियो में कहा कि मैं बीते दो से तीन महीनों में कमला हैरिस से दो बार मिला हूं। मैंने उनसे इमिग्रेशन के मुद्दे पर बात की थी। मैंने उनसे बात की थी। उन्होंने मुझे अपने ऑफिस आने का समय दिया था। मैं उनसे 11 जून को मिलूंगा। बता दें पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव जीत चुके अमृतपाल फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल सिंह ने लगभग 2 लाख वोटों से कांग्रेस के कुलबीर सिंह को हरा दिया था। जसप्रीत ने कहा कि अमृतपाल की प्रचंड जीत हुई है और उनकी गिरफ्तारी मानवाधिकारों पर गंभीर सवाल खड़े करती है। 

वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह को अप्रैल 2023 में पंजाब के मोगा में सरेंडर करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गाय था। वह इससे एक महीने से फरार था। पंजाब पुलिस ने उसके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत मामला दर्ज किया था। बता दें कि कमला हैरिस भारतीय मूल की अमेरिकी नेता हैं। जसप्रीत सिंह का कहना है कि वह नेवादा के सीनेटर जैकलिन शेरिल रोजन और एरिजोना के सांसद रूबेन गैलेगो सहित कई अमेरिकी सीनेटर्स से इस मामले पर मुलाकात कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि मैंने इस मामले पर 20 से अधिक अमेरिकी नेताओं से बात की है और वे इस पर सहमत हो गए हैं कि इस मामले को संज्ञान में लाया जाना चाहिए। अमेरिका मानव मूल्यों को महत्व देता है, फिर चाहे वह घरेलू हो या अंतर्राष्ट्रीय। उन्होंने कहा कि न्याय का एक सिद्धांत है कि सजा, अपराध के समान होनी चाहिए। हमने मानवाधिकार के एंगल से इस मामले को अमेरिकी सरकार के समक्ष उठाया है।

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