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स्कूलों में अब शिक्षा के साथ साथ सिखानी होगी Buisness Skills, तभी युवाओं का भविष्य होगा उज्जवल- Manish Sisodia

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जालंधर (ens) : शिक्षकों को पढ़ाने के तरीके को बदलना होगा छात्रों को देश का अच्छा, बेहतर और कामयाब नागरिक बनाने के लिए पढ़ाने के साथ साथ उन्हे शिक्षा का सही महत्व भी सिखाना होगा। उक्त शब्दों का प्रकटावा आम आदमी पार्टी पंजाब के प्रभारी एवं वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने शिक्षकों के एक कार्यक्रम दौरान किया।

छात्रों को रटाने से नहीं होगा कुछ, उनके अंदर जलाई जाए शिक्षा की ज्योत

उन्होंने कहा कि छात्रों को सिर्फ रटाने से कुछ नहीं होगा उस पाठ्यकर्म के बारे में इस कदर याद करवाना होगा कि वह कभी आगे चल कर स्कूल में पढ़ा गया पाठ कभी भूले न और उसके द्वारा अन्य जो लोग शिक्षा से वंचित रह गए, उनके अंदर भी शिक्षा की ज्योत जलाने में सक्षम हो पाए।

आज भी राजनीति की देन हैं गरीबी और अनपढ़ता

आज देश में गरीबी और अनपढ़ता सब राजनीति की देन है। देश को आजाद हुए आज 76 साल हो गए मगर अभी भी देश के कई इलाके ऐसे हैं । जहां एक प्रतिशत भी विकास नहीं हुआ इसका कारण साफ है कि देश को चलाने वाले नेता नहीं चाहते कि जनता समझदार बने और अपने हक मांगे इसी लिए उन्हे पढ़ाई में कमजोर रखा जाता है।

आप सरकार ने शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए दिल्ली और पंजाब में लिए बड़े फैसले

सिसोदिया ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी के नेतृत्व में हमने दिल्ली और पंजाब में शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए कई बड़े फैसले किए हैं और शिक्षकों को पढ़ाने के तरीके में बदलाव लाने पर जोर दिया है। जितना बच्चों का आधार मजबूत होगा वह उतने ही ज्यादा कामयाब होंगे। छात्र को शिक्षा के साथ साथ बिजनैस करने के बारे में भी बताना होगा तांकि वह पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी ढूंढने में तीन चार साल बर्बाद न करे बल्कि खुद अपनी सोच और शिक्षा से एक ऐसा कारोबार शुरु करे जिसमें वह दूसरों को नौकरी देने वाला बन सके।

पढें-लिखे नौजवान बेरोजगार, ये है बड़ा मुद्दा

देश में पढे लिखे नौजवानों का बेरोजगार रहना भी एक बहुत बड़ा मुद्दा है। क्योंकि उन्हे पढ़ाई के दौरान कभी यह नहीं बताया जाता कि एक दिन उसे शिक्षा पूरी करके समाज में अपनी पहचान बनानी है जब भी वह शिक्षा पूरी करके कहीं नौकरी करने जाता है तो खुद को बहुत कमजोर महसूस करता है।

शिक्षा जगत में क्रांति लाना आप सरकार का लक्ष्य

कारोबार के लिए उसे कभी कोई शिक्षा दी ही नहीं गई थी। हम बच्चों की नींव इतनी मजबूत बना देंगे कि वह 12वीं कक्षा तक पहुंचते पहुंचते अपना कारोबार शुरु कर देगा। हमारा लक्ष्य शिक्षा जगत में ऐसी क्रांति लाना है। जिससे पूरी दुनिया में यह चर्चा शुरु हो जाए कि भारत अपने पैरों पर खड़ा हो गया है।

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