गुरदासपुर: शहर के एक नवनिर्मित निजी अस्पताल में एक युवक की मौत के विरोध में शहरवासियों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। डॉक्टरों के व्यवहार के कारण मामला हाईवे जाम करने तक पहुंच गया है। परिजनों के मुताबिक आशुतोष महाजन (32) निवासी बेहरामपुर रोड गुरदासपुर की मौत हो गई है और अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे वेंटिलेटर पर रखा है और उसकी मौत की घोषणा नहीं की जा रही है। उन्हें धोखा दिया जा रहा है कि युवक जीवित है और उसे अमृतसर रेफर किया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक आशुतोष महाजन को पत्थरी के ऑपरेशन के लिए पिछले बुधवार यानी आठ दिन पहले गुरदासपुर मेडिसिटी अस्पताल में पत्थरी के ऑपरेशन के लिए दाखिल करवाया गया था। जिसके बाद बुधवार यानी कल उसका ऑपरेशन किया गया और देर शाम उसे होश आ गया। लेकिन आशुतोष ने हाथ सुन्न होने की शिकायत की। अस्पताल के स्टाफ ने उसे एक इंजेक्शन लगाया। जिसके बाद वह जोर से चिल्लाया और तब से उसका शरीर पूरी तरह से सुन्न हो गया।
वहीं देर रात डॉक्टरों ने उन्हें वेंटीलेटर पर रखा था और वे उनके जिंदा होने का दावा करते हुए उन्हें अमृतसर ले जाने के लिए कह रहे हैं। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर अपनी लापरवाही छिपाने के लिए उन्हें गुमराह कर रहे हैं। वहीं अस्पताल के डॉक्टर मंजीत सिंह बब्बर का कहना है कि युवा आशुतोष को स्ट्रोक आया है, जिससे उनकी हालत गंभीर हो गई है और उन्हें अमृतसर ले जाने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन परिवार इसके लिए तैयार नहीं है।