भागलपुर: बिहार में पुलों के द्वारा जल समाधि लेने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगता है कि बिहार की व्यवस्था से त्रस्त होकर पुलों के बीच जल समाधि लेने की होड मच गई है, जो सरकार के कार्यप्रणाली की पोल खोल देने के लिए काफी है। शुक्रवार को भागलपुर जिले में पीरपैंती से बाखरपुर होते हुए बाबूपुर तक जाने वाली एक और पुल ने जल समाधि ले लेना मुनासिब समझा। जिससे दियारा से बाबूपुर-बाखरपुर का सड़क संपर्क पूरी तरह से भंग हो गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह सड़क पीरपैंती बाजार से बाखरपुर, बाबूपुर होते हुए झारखंड को जोड़ती है, जो कि इस क्षेत्र के लोगों के लिए महत्वपूर्ण सड़क मार्ग है।
पीडब्ल्यूडी द्वारा 2 साल पहले बना यह पुल देर रात ध्वस्त हो गया, जिसके कारण बड़ी आबादी प्रभावित हो गई है। पुल के जल समाधि ले लिए जाने के कारण लगभग 1 लाख की आबादी प्रभावित हुई है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से पुल की तत्काल मरम्मत और सड़क संपर्क बहाल करने की मांग की है ताकि उनकी दैनिक गतिविधियों में आसानी हो सके। उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही पुल की मरम्मत नहीं की गई तो इससे और भी बड़ी दुर्घटनाएं हो सकती हैं। बता दें कि 16 अगस्त को भागलपुर में सुल्तानगंज-अगुवानी गंगा नदी पर बन रहा निर्माणाधीन फोरलेन पुल तीसरी बार जमींदोज हो गया था।
भागलपुर की तरफ से 9 और 10 नंबर के बीच का हिस्सा गंगा नदी में समा गया था। पिलर पर बना स्लैब लोहा समेत गंगा नदी में समा गया था। इस महासेतु का निर्माण एसपी सिंगला कंपनी की तरफ से किया जा रहा है। इससे पहले सुल्तानगंज-अगुवानी पुल का सबसे पहली बार 30 अप्रैल 2022 के रात में हवा के झोंके से पिलर संख्या 5 गिर गया था। इसके बाद 4 मई 2023 को अगुवानी की तरफ से पिलर संख्या 9, 10, 11 और 12 का सुपर स्ट्रक्चर गिर कर गंगा में समा गया था। पुल पर ड्यूटी कर रहे दो गार्ड भी हादसे के बाद से लापता हो गए थे।
जिलाधिकारी ने कहा कि घटना के सही कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश भी दिए गए हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार इस पुल का निर्माण कुछ साल पहले राज्य सरकार के पथ निर्माण विभाग ने कराया था। इस घटना को हाल के दिनों में बिहार के कई जिलों में एक दर्जन से अधिक पुलों और पुलियों के ढहने की पृष्ठभूमि में देखा जा रहा है। इससे पहले सीवान, सारण, मधुबनी, अररिया, पूर्वी चंपारण और किशनगंज आदि जिलों में छोटे पुलों के ढहने की घटनाएं सामने आई थीं।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए शुक्रवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘बिहार के भागलपुर में एक पुल और ध्वस्त हुआ। नीतीश कुमार जी के शासन में भ्रष्टाचार की जड़े जितनी गहरी हैं, पुल के खंभे उतने ही सतही हैं। इसलिए विगत दो-तीन महीनों में ही हजारों करोड़ रुपये की लागत से निर्मित एवं निर्माणाधीन सैंकड़ों पुल-पुलिया और मेगा ब्रिज भरभराकर गिर चुके हैं। (लेकिन) मजाल है कि आपने मुख्यमंत्री का इन गिरते पुलों के भ्रष्टाचार पर कभी कोई बयान सुना हो अथवा उन्होंने बड़ी भ्रष्टाचार रूपी व्हेल मछली पर कभी कोई कारवाई की हो? आख़िर करेंगे भी कैसे? उन छोटी मचलती मछलियों को खिला-पिला कर व्हेल उन्होंने ही बनाया है।”