Advertisements
Ad 6
Advertisements
Ad 8
Advertisements
Ad 7

मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत ब्लॉक स्तरीय समिति की बैठक आयोजित

मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत ब्लॉक स्तरीय समिति की बैठक आयोजित मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत ब्लॉक स्तरीय समिति की बैठक आयोजित

ऊना/सुशील पंडित :मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत ब्लॉक स्तरीय समिति की बैठक मंगलवार को एसडीएम विश्व मोहन देव चौहान की अध्यक्षता में कल्याण भवन में आयोजित की गई।एसडीएम ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पहल करते हुए अनाथ बच्चों को ”चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट” का दर्जा दिया है। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश पहला ऐसा राज्य है जहां पर राज्य सरकार दुर्भाग्यवश अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई, गृह निर्माण, कोचिंग तथा अपना स्वरोजगार शुरू करने के लिए अनुदान दे रही है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत 12 मामले अनुमोदन के लिए भेजे गए जिनमें से 4 अनुमोदित हो चुके हैं तथा 6 विचाराधीन है। इसके अतिरिक्त 9 मामले सामाजिक सुरक्षा हेतू स्वीकृत को चुके हैं।

कोचिंग सुविधा

इस  योजना के अंतर्गत ऑनलाइन कोचिंग आयोजित की जाएगी और ऑफ लाइन कोचिंग सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। हायर सेकेंडरी और ग्रेजुएशन के दौरान कोचिंग दी जाएगी। कोचिंग के लिए प्रति व्यक्ति 1 लाख रुपये प्रति वर्ष की एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। पाठ्यक्रम के दौरान प्रति व्यक्ति प्रति माह 4 हजार रुपये का मासिक वजीफा भी प्रदान किया जाएगा।उच्च शिक्षा (शैक्षणिक), व्यावसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास हिमाचल प्रदेश राज्य से संबंधित 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने के बाद पात्र बच्चों, व्यक्तियों के लिए छात्रावास व मैस शुल्क और ट्यूशन फीस सहित उच्च शिक्षा (शैक्षणिक), व्यावसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास) का सभी व्यय वास्तविक दरों पर वहन करेगा। अध्ययन अवधि के दौरान उनके व्यक्तिगत खर्चों को पूरा करने के लिए प्रति माह 4 हजार रुपये का वजीफा दिया जाएगा। यदि संस्थान में छात्रावास की सुविधा उपलब्ध नहीं है, तो सरकार डिग्री, पाठ्यक्रम के पूर्ण होने तक छात्रावास के बाहर रहने और रहने का पूरा खर्चा भी वहन करेगी। उन्होंने बताया कि योजना के तहत उत्सव भत्ता 500 रुपये प्रति बच्चा बाल देखभाल संस्थानों, राज्य गृह सह संरक्षण गृह, शक्ति सदन और वृद्धाश्रम के निवासियों के बैंक खाते में मुख्य त्योहार मनाने के लिए हस्तांतरित किया जाएगा।

भूमि का आवंटन और घर के निर्माण के लिए अनुदान

उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति जो 27 वर्ष की आयु से पहले अनाथ हो गया है और जो भूमिहीन है, वह टीसीपी मानदंडों के अनुसार एक बार सरकारी भूमि यानी तीन बिस्वा और अपने पूरे जीवन काल के दौरान किसी भी समय घर के निर्माण के लिए आवास अनुदान प्राप्त करने के लिए पात्र होगा। आवास निर्माण के लिए 1.5 लाख रुपये दिए जाएंगे, ग्रामीण विकास की आवास योजना के पूरक के रूप में अनाथ बच्चों को मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत आवास निर्माण के लिए 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि प्रदान की जाएगी। 

स्वरोजगार सहायता योजना के अंतर्गत लघु, सूक्ष्म उद्योगों के लिए अनुदान 

उन्होंने बताया कि 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद अपना निजी कार्य स्थापित करना चाहते हैं तो उन्हें प्रति व्यक्ति 2 लाख रुपये की एक बार वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी जिससे वे आजीविका अर्जित कर सकें। ये व्यक्ति मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना के तहत ऋण लाभ के हकदार होंगे। मिशन वात्सल्य योजना के पूर्व लाभार्थी या कोई अन्य अनाथ सरकार की किसी अन्य योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होंगे। हालांकि, योजनाओं की समान प्रकृति के लिए लाभ केवल एक योजना के तहत दिया जाएगा।

विवाह अनुदान

योजना के तहत मिशन वात्सल्य के सभी पूर्व लाभार्थियों या 18 वर्ष की आयु से पहले अनाथ हुए लोगों को कानून के अनुसार विवाह योग्य आयु प्राप्त करने के बाद एक बार विवाह अनुदान 2 लाख रुपये या वास्तविक जो भी कम हो, प्रदान किया जाएगा, जिसमें से 51 हजार रुपये व्यक्ति के विवाह के समय शगुन के रूप में लाभार्थी के खाते में हस्तांतरित किए जाएंगे।राज्य के बाहर वार्षिक शैक्षिक यात्रा इस योजना के अंतर्गत भारत के विभिन्न स्थलों, ऐतिहासिक स्थलों के लिए शैक्षिक भ्रमण, भ्रमण-यात्रा का आयोजन प्रति वर्ष 15 दिनों के लिए किया जाएगा। बच्चों के लिए यात्रा की व्यवस्था शताब्दी (चेयर कार), एसी वॉल्वो, एयर सुविधा द्वारा की जाएगी। ऐसे दौरों के दौरान ठहरने की व्यवस्था तीन सितारा होटलों में की जाएगी।

इस योजना के तहत यदि कोई भी इच्छुक बच्चा, व्यक्ति इस योजना का लाभ लेना चाहता है तो कार्यालय दूरभाष 01975-225850 व मोबाइल नम्बर 82196-04768 से सम्पर्क कर सकते हैं। आवेदन की करने की प्रक्रिया विश्व मोहन देव चौहान ने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए प्रार्थी संबंधित बाल विकास परियोजन अधिकारी के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि अनाथ बच्चें की पात्रता जिला बाल संरक्षण अधिकारी और जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा प्रमाणित की जाएगी। इसके उपरांत अनाथ की वरीयता के साथ पूरा मामला संबंधित जिला प्रशासन को आगामी कार्रवाही के लिए भेजे जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन फॉर्म जिला बाल संरक्षण कार्यालय और क्षेत्र के बाल विकास परियोजना अधिकारी के कार्यालय में उपलब्ध है।

बैठक में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना और बेटी है अनमोल योजना पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त आईटीआई के माध्यम से करवाए जा रहे विभिन्न कोर्सों बारे भी चर्चा की गई।इस अवसर पर बीडीओ केएल वर्मा, जिला बाल संरक्षण अधिकारी कमलदीप सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी नरेंद्र कुमार, सीडीपीओ कुलदीप दयाल, तहसील कल्याण अधिकारी जतिन्द्र कुमार, आईटीआई प्रधानाचार्य बीएस ढिल्लों सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

Disclaimer: All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read carefully and Encounter India will not be responsible for any issue.


Encounter India 24 Years Celebration
Add a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page