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Blackmailing : खूनी हुआ बिल्डिंगों से वसूली का काला धंधा

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पुलिस के लिए सिरदर्द बन रहे RTI Activist!

नगर निगम जालन्धर ने दो महीने पहले ही सिमरनजीत सिंह को कर दिया था Blacklist

जालन्धर (ENS): पिछले कई सालों से बिल्डिंगों से वसूली करने के धंधे से जुड़े लोग कई बार पीड़ित लोगों के निशाने पर आ चुके हैं और शिकायतें करने वालों की भरे बाजार छित्तर परेड की खबरें आम हो गई थी मगर अब यह ब्लैकमेलिंग का धंधा खूनी हो चुका है। बीते सोमवार को जालन्धर के मॉडल टाउन में हुई वारदात दौरान आरटीआई एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह को भी गोली मारने के लिए निशाने पर लिया मगर हमलावर से मौके पर गोली नहीं चली और वारदात टल गई।

मगर यह वारदात किस वजह से हुई इसकी पुलिस अभी जांच कर रही है। सिमरनजीत सिंह पिछले कई सालों से बिल्डिंगों तथा कालोनियों की शिकायतें करने का काम कर रहा है। इसके नैटवर्क में कौन कौन लोग शामिल हैं और वह क्या भूमिका अदा कर रहे हैं पुलिस इस एंगल से भी जांच में जुट गई है कि आखिर हर बार सिमरनजीत सिंह पर ही हमला क्यों होता है।

बीते कुछ साल पहले कालोनाईजर मेजर सिंह तथा सिमरनजीत सिंह के बीच भी झड़प हुई थी जिसमें सिमरनजीत घायल हो गया था दोनो तरफ से शिकायतें हुई और पुलिस ने जब कारवाई करने के लिए रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी तो मामले में नया मोड़ आ गया और दोनो के बीच राजीनामा हो गया। सूत्रों अनुसार यह विवाद वैस्ट हल्के में बन रही  कालोनियों के लिए हुआ था जिसमें कुछ प्लाटों का फेवर दिया गया और सभी शिकायतों का निपटारा कर बंद करवा दिया गया।

सिमरनजीत सिंह का नगर निगम जालन्धर के कर्लक के साथ भी विवाद हो गया था जिसमें सिमरनजीत सिंह कलर्क के दफ्तर में घुस कर वहां रखे सरकारी रिकोर्ड के साथ छेड़छाड़ की थी मामले में पुलिस जांच कर रही है दूसरी तरफ कमिशनर ,नगर निगम जालन्धर द्वारा सिमरनजीत सिंह को ब्लैकलिस्ट कर उसकी दफ्तर में एंट्री बैन कर थी।

माना जा रहा है कि सिमरनजीत सिर्फ जालन्धर ही नही बल्कि लुधियाना और अमृतसर में भी अपना नैटवर्क बना चुका है और वहां भी बड़े बड़े अवैध होटलों तथा प्रौजेक्टों की शिकायतें विभिन्न विभागों में दर्ज करवाई गई है। सूत्रों अनुसार सिमरनजीत सिंह के सबसे करीबी कुछ आर्किटैक्ट है जोकि जालन्धर सहित अन्य शहरों में बन रही विवादित बिल्डिंगों का डाटा जुटा कर सिमरनजीत को देते है और कई बड़े अधिकारियों की मिलीभगत से जब कानून का शिकंजा उन बिल्डिंगों पर कसा जाता है तो पीड़ित पक्ष या तो दबाव में सैटलमैंट कर लेता है या फिर मामला विवाद के बाद पुलिस तक पहुंच जाता है।

माडल टाउन में हुई विवाद की जांच में थाना डिवीजन-6 की पुलिस, एसीपी मॉडल टाउन और अन्य उच्च अधिकारी मामले की जांच में जुटे हैं अभी तक हमले के पीछे की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है, लेकिन सूत्रों का मानना है कि आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा बिल्डिंगों सबंधि की गई शिकायतें ही इस वारदात की बड़ी वजह हो सकती है। सीसीटीवी फुटेज को पुलिस ने जब्त कर लिया है हमलावरों को काबू करने के बाद ही मामले की सच्चाई सामने आने की उम्मीद है।

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