देश अभी आतंकी हमले को नहीं भूला, कांग्रेस आतंकी हमले पर करने लगी राजनीति;दविंदर भुट्टो
ऊना/ सुशील पंडित: कुटलैहड़ के वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक दविंदर भुट्टो ने जारी वक्तव्य में कहा है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में हमारे देश के वीर जवान शहीद हुए, जिससे हर भारतीय का हृदय दुखी है। ऐसे संवेदनशील समय में कांग्रेस पार्टी की ओर से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदर्भ में की गई टिप्पणी अति निंदनीय है। जिसकी कुटलैहड़ भाजपा मंडल घोर निंदा करती है।।
भुट्टो ने कांग्रेस के सोशल मीडिया पोस्ट को शर्मनाक बताते हुए कहा कि बिना सिर के प्रधानमंत्री का स्टैचू और गायब जैसे शब्दों का प्रयोग करना न केवल असंवेदनशीलता है, बल्कि यह देश की लोक तांत्रिक मर्यादाओं का भी अपमान है। भुट्टो ने कहा कि एक तरफ पूरा देश जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर शोकाकुल है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद के खिलाफ एकजुट खड़ा है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी इस गंभीर मुद्दे पर राजनीति कर रही है। यह कांग्रेस की छोटी सोच और अवसरवादिता को दर्शाता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस प्रकार की टिप्पणी न केवल प्रधानमंत्री के सम्मान को ठेस पहुंचाती है, बल्कि यह आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में देश की एकता को भी कमजोर करती है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक लोकप्रियता का ज़िक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं।
उनके नेतृत्व में भारत ने वैश्विक मंच पर एक नई पहचान बनाई है, और ऐसे समय में कांग्रेस द्वारा इस तरह के शब्दों का प्रयोग उनकी हताशा को दर्शाता है। भुट्टो ने कहा कि कांग्रेस का यह व्यवहार दर्शाता है कि वह देश के संवेदनशील मुद्दों पर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा जब पूरा देश अपने जवानों के साथ खड़ा होता है, तब कांग्रेस नेताओं की यह भाषा उनके असली चरित्र को उजागर करती है। यह भारतीय राजनीति के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा नेता की ओर से यह मांग की गई , कि कांग्रेस पार्टी इस टिप्पणी के लिए सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगे और भविष्य में ऐसी ओछी राजनीतिक बयानबाज़ी से परहेज़ करे।
भुट्टो ने कहा कि राजनीति में असहमति हो सकती है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी जैसे संवैधानिक पदों का सम्मान करना प्रत्येक दल की जिम्मेदारी है, भारतीय राजनीति में विचारों का मतभेद हो सकता है, परंतु भाषा और अभिव्यक्ति में गरिमा होनी चाहिए। जब देश किसी संकट से गुजर रहा हो, तब समस्त राजनीतिक दलों का यह कर्तव्य है कि वे एकता और सहयोग का परिचय दें।