नई दिल्लीः गेहूं और आटे की बढ़ती कीमत पर लगाम लगाने के लिए फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा लिए गए फैसले का असर अब जमीन पर दिखने लगा है। इससे गेहूं की कीमत में गिरावट आई है। कहा जा रहा है खुदरा बाजार में गेहूं की कीमत कम हो गई है। दरअसल, जनवरी महीने में अचानक गेहूं और आटे की कीमत में बेतहाशा इजाफा हुआ था। इससे खाने-पीने की चीजें महंगी हो गई थीं। ऐसे में फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने ई- नीलामी के माध्यम से खुद बाजार में गेहूं बेचने का फैसला किया।
जानकारी के मुताबिक, एफसीआई ने अभी तक 33 लाख मैट्रिक टन से ज्यादा गेहूं की बिक्री कर चुका है। इससे रिटेल बाजार में गेहूं के दामों में 6 से 8 रुपये किलो की कमी आई है। खास बात यह है कि इस बात की पुष्टी खुद रोलर मिल फेडरेशन के प्रेसिडेंट एस प्रमोद कुमार ने की है। उन्होंने कहा है कि एफसीआई द्वारा गेहूं बेचने के बाद आटे की कीमत में गिरावट आई है। इससे आटा 32 से 35 रुपये किलो हो गया है।
बता दें कि जनवरी में अचानक गेहं के दाम में वृद्धि हो गई थी। इससे आटा भी महंगा हो गया था। 30 से 35 रुपये किलो बिकने वाले आटे का रेट 40 से 45 रुपये किलो हो गया था। इससे आम जनता की थाली से रोटी गायब हो गई थी। ऐसे में महंगाई को लेकर केंद्र सरकार के ऊपर दबाव पड़ने लगा। इसके बाद एफसीआई ने गेहूं की ई-नीलामी शुरू की। इससे महंगाई पर ब्रेक लगा।
वहीं, केंद्र सरकार का कहना है कि बढ़ती गर्मी का असर गेहूं की फसल पर पड़ने की कोई संभावना नहीं है। ऐसे में किसानों की चिंता करने की जरूरत नहीं है। केंद्र ने अनुमान जताया है कि इस साल गेहूं का अच्छा उत्पादन हो सकता है। उसके मुताबिक, 108-110 लाख मैट्रिक टन गेहूं का प्रोडक्शन होने का अनुमान है। वहीं, गेहूं के दाम एमएसपी से ऊपर ही रहेंगे। बता दें कि आज सुबह ही खबर सामने आई थी कि मध्य प्रदेश में 25 मार्च से गेहूं की खरीद शुरू हो जाएगी। इसके अलावा पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में 1 अप्रैल से गेहूं की खरीदी शुरू होगी।
Disclaimer: All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read carefully and Encounter India will not be responsible for any issue.