लखनऊः लोकसभा चुनाव के परिणाम निराशाजनक आने के बाद अब भाजपा में बदलाव की तैयारियां दिखाई देने लगी हैं। एक से 15 अगस्त तक बड़े स्तर पर सदस्यता अभियान चलाया जाएगा। जिसके बाद कुछ पदाधिकारियों को लेकर बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। खास यह होगा कि दूसरे राजनीतिक दलों से आने वाले नेताओं की बजाय संगठन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जा सकती है।
दरअसल, सहारनपुर और कैराना लोकसभा सीट की बात करें तो यहां पर जीत हासिल करने के लिए भाजपा ने एड़ी-चोटी तक जोर लगा रखा था, लेकिन दोनों ही सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। हार के बाद भाजपा में अदंरूनी कलह भी बाहर आ गई है। आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं कि कुछ स्थानीय नेताओं की वजह से पार्टी को हार मिली।
अंदरूनी कलह के बीच भाजपा आलाकमान की तरफ से सदस्यता अभियान को लेकर आदेश जारी किए हैं। बताया जा रहा है कि सदस्यता अभियान में भी यह देखा जाएगा कि जिन नेताओं पर भीतरघात का आरोप है वह इस अभियान में क्या कर पाते हैं। आम जनता का उनके साथ कुछ जुड़ाव है या फिर नहीं। इसके बाद पदाधिकारियों में बदलाव हो सकता है। हालांकि चुनाव में हार के बाद सक्रिय कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाने की तैयारी चल रही है।