चंडीगढ़ः पंजाब में आम आदमी क्लीनिक में मिलने वाली मुफ्त जांच सेवाएं प्रभावित होने वाली हैं। राज्य में चल रहे 500 आम आदमी क्लीनिकों में मुफ्त जांच सेवाएं देने वाली कृष्णा डायग्नोस्टिक्स ने क्लीनिकों में सेवाएं देने से इनकार कर दिया है। जिसके बाद पंजाब सरकार विपक्षी पार्टी के नेताओं और विधायकों के निशाने पर आ गई है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पंजाब के निदेशक ने राज्य भर के सिविल सर्जनों को आदेश भेजकर यह जानकारी दी है। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कृष्णा डायग्नोस्टिक्स जो आम आदमी क्लीनिकों में सेवाएं प्रदान करती है उसने 16 फरवरी 2023 के एक पत्र में सूचित किया था कि वह 1 मार्च 2023 से आम आदमी क्लीनिकों और अन्य सिविल अस्पतालों और क्मयूनिटी हेल्थ सेंटर में अपनी सेवाएं बंद कर रही है।
सरकार के इस आदेश के साथ ही आम आदमी पार्टी ने सभी क्लीनिकों, सिविल अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को अपनी व्यवस्था खुद करने को कहा है। उन्हें 2 मार्च 2023 यानी आज से एकत्र किए गए सभी नमूनों को निकटतम सरकारी प्रयोगशाला में जमा करने का निर्देश दिया गया है। जबकि पहले कृष्णा लैबोरेटरी आम आदमी पार्टी के क्लिनिक से सैंपल लेकर टैब पर रिजल्ट भेजती थी।
कृष्णा डायग्नोस्टिक्स के हटने के बाद पंजाब में खुले आम आदमी क्लीनिक का कामकाज पूरी तरह प्रभावित हो जाएगा। सरकारी प्रयोगशालाओं में पहले से ही कर्मचारी कम हैं और परीक्षणों की संख्या अधिक है। ऐसे में 500 क्लीनिकों की जांच का अतिरिक्त बोझ भी गुणवत्ता पर असर पड़ेगा।
इस पर भुलत्थ से कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने ट्वीट कर आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि आम आदमी क्लिनिक का प्रयोग विफल होने लगा है, क्योंकि विभिन्न परीक्षणों के लिए लगी निजी प्रयोगशालाओं ने अपनी सेवाएं बंद कर दी हैं। यह तब है जब अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान जैसे राजनेता सिर्फ अंक हासिल करने के लिए मौजूदा स्वास्थ्य सेवा को पटरी से उतारने के लिए अपने अव्यावहारिक एजेंडे को आगे बढ़ाते हैं।