गुड़गांवः शहर के बहुचर्चित गीतांजलि मर्डर केस मामले में आज सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा बड़ा फैसला सुनाया गया है। न्यायालय ने पूर्व सीजेएम रवनीत गर्ग और उनके माता-पिता को केस से बरी कर दिया है। वर्ष 2013 में गुड़गांव में पोस्टेड पूर्व सीजेएम रवनीत गर्ग पर उनकी पत्नी गीतांजलि को दहेज के लिए मार देने के आरोप लगे थे और इस मामले में सीजेएम रवनीत गर्ग और उसके माता पिता के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में करीब 12 साल बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसला सुनाते हुए पूर्व सीजेएम रवनीत गर्ग और उनके माता-पिता को बरी किया है।
जानकारी देते एडवोकेट मनवीर राठी ने बताया कि पूर्व सीजेएम रवनीत गर्ग और उनके माता-पिता पर जो आरोप लगाए गए थे वह कोर्ट में साबित नहीं हो पाए। इसके चलते कोर्ट ने यह फैसला सुनाते हुए तीनों को बरी कर दिया है। उन्होंने बताया कि रवनीत गर्ग और उसके माता-पिता पर गीतांजलि को दहेज के लिए हत्या कर देने का आरोप था जो झूठे पाए गए और इसी आधार पर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। वहीं सीबीआई को अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि गीतांजलि की हत्या हुई थी या अप्राकृतिक मौत।
बता दें, 17 जुलाई 2013 को गीतांजलि की रहस्यमय परिस्थिति में मौत हो गई थी। उस समय गीतांजलि के पति रवनीत गर्ग गुड़गांव में पोस्टेड थे। इस घटना के बाद गीतांजलि के परिवार ने दहेज के लिए गीतांजलि की हत्या के रवनीत गर्ग व उसके माता-पिता पर आरोप लगाए थे। इस मामले को लेकर जांच सीबीआई को सौंपी गई और पंचकूला स्थित हरियाणा की विशेष सीबीआई अदालत में कई सालों तक यह मामला चला और इस मामले में कई लोगों की गवाहियां भी हुई लेकिन आखिरकार अब इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसला सुनाते हुए पूर्व सीजेएम रवनीत गर्ग और उसके माता-पिता को इस हत्या के मामले में बरी किया है।