नई दिल्ली। राजस्थान के अजमेर में बहुचर्चित 1992 सेक्स स्कैंडल और ब्लैकमेल कांड में कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। 1992 में 100 से ज्यादा छात्राओं के साथ गैंगरेप और उनकी आपत्तिजनक तस्वीरें फैलाई गई थी। इस मामले में कुल 18 आरोपी थे, जिसमें से 9 को सजा हो चुकी है। एक ने सुसाइड कर लिया, एक पर लड़के से कुकर्म के आरोपों के चलते अलग से ट्रायल चला और एक फरार है। इस मामले में करीब 32 साल बाद शेष छह आरोपियों को मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। विशेष पोक्सो कोर्ट संख्या दो ने इस मामले में आरोपी नफीस चिश्ती, नसीम उर्फ टार्जन, सलीम चिश्ती, इकबाल भाटी, सोहिल गनी एवं सैय्यद जमीर हुसैन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अदालत ने मंगलवार को ही इन आरोपियों को दोषी करार दिया और दोपहर बाद सजा सुनाई गई। मामले में पहले गत आठ अगस्त को यह फैसला आना था लेकिन आरोपी इकबाल भाटी की बीमारी के चलते इस मामले में 20 अगस्त की तारीख तय की गई और मंगलवार को इकबाल भाटी को दिल्ली से एम्बुलेंस के जरिये अजमेर लाकर अदालत में पेश किया गया।
पोक्सो न्यायालय के सरकारी वकील वीरेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि मामलें में चार्जशीट 2001 को पेश कर दी गई थी। उन्होंने बताया कि मामलें में 18 आरोपी थे। इनमें नौ को पहले सजा सुनाई जा चुकी है और कुछ आरोपी दोषमुक्त भी हो चुके हैं तथा एक आरोपी आत्महत्या कर चुका है जबकि एक आरोपी अलमाज महाराज फरार चल रहा है और न्यायालय ने उसे भगौड़ा घोषित कर उसके खिलाफ रेडकार्नर नोटिस जारी किया हुआ है। इस मामले के फैसले के मद्देनजर न्यायालय परिसर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया।