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कनाडा जाने वाले लोगों को बड़ा झटका! रिजेक्ट हो रहे वीजा

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चंडीगढ़ः पंजाब से स्टडी बेस पर विदेश जाने की इच्छा रखने वाले स्टूडेंट्स के आवेदन बड़ी संख्या में नामंजूर हो रहे हैं। इसके प्रमुख कारण फर्जी बैंक स्टेटमेंट और बर्थ सर्टिफिकेट और एजुकेशन गैप को लेकर तैयार किए जाने वाले फर्जी दस्तावेज और अधिकारियों को संदेह होना हैं। 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया के डिपार्टमेंट ऑफ होम अफेयर्स ने पंजाब, हरियाणा से संबंधित 600 से अधिक ऐसे मामले पकड़े हैं जिनमें ऑस्ट्रेलिया का एजुकेशन वीजा हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेज लगाए गए थे।

एक साल में 2500 मामले आए सामने 

वहीं कनाडियन हाईकमीशन द्वारा एक साल में पकड़े ऐसे मामलों का आंकड़ा 2500 से अधिक है। ऐसे ही मामले न्यूजीलैंड, यूके, अमेरिकी एंबेसियों द्वारा भी पकड़े जा चुके हैं। कनाडा के वीजा रिजेक्ट होने की दर 41% पहुंच गई है। कोविड से पहले यह 15% थी। कई एक्सपर्ट के मुताबिक, इसके कारण कोविड के चलते 2 साल से एप्लीकेशन पेंडिंग होना भी है। सिटीजनशिप एंड इमिग्रेशन पर स्टैंडिंग कमेटी की नई रिपोर्ट के अनुसार 2021 में स्टडी वीजा के लिए 225,402 आवेदन प्रोसेस किए गए और उनमें से 91,439 खारिज कर दिए गए। यानी करीब 41% आवेदन खारिज कर दिए गए।

वीजा नामंजूर होेने के ये है कारण

सामान्य कोर्सेज में प्रवेश पर वीजा अफसर को संदेह…कई मामलों में वीजा अफसर को संदेह हो जाता है कि आप स्टडी के बहाने इमिग्रेशन कर रहे हैं। भारत में कॉमर्स, नॉन-मेडिकल आदि के स्टूडेंट भी कनाडा में वीजा के लिए केयर गिवर्स, डिप्लोमा इन सैलून मैनेजमेंट, फूड क्राफ्ट आदि आसान कोर्सेज के लिए आवेदन करते हैं। इससे वीजा अफसर को शक ज्यादा होता है। वह ज्यादा सवाल करता है और संतोषजनक जवाब न मिलने पर वीजा नहीं दिया जाता।

भारतीयों के साढ़े नौ लाख लोगों के वीजा प्रोसेसिंग में पड़े

भारत से 96,378 लोगों के परमानेंट रेंजीडेंसी आवेदन कनाडा सरकार के पास प्रोसेसिंग के लिए पड़े हैं। 4,30,286 के टेम्परेरी रेंजीडेंस वीजा के आवेदन हैं। इसके अलावा अलग-अलग कैटेगरी के कुल मिलाकर 9,56,950 आवेदन 31 मार्च, 2022 तक कनाडा सरकार के पास लंबित पड़े थे। कनाडा के पास दुनिभार भर से कुल 25 लाख आवेदन लंबित हैं।

एक बार पढ़ाई छोड़ देने के बाद फिर से आवेदन करने के बीच आए गैप को लेकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाते हैं। एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट भी फर्जी पाए गए हैं। वहीं जन्मप्रमाण पत्र से लेकर पासपोर्ट बनवाने में भी गड़बड़ियां पकड़ी गई हैं।

कई वीजा एजेंट स्टूडेंट्स से तय फीस लेकर बैंक स्टेटमेंट बनवाने की गारंटी लेते हैं। वे स्टूडेंट्स के बैंक खाते में जरूरी पैसे अपने स्तर पर ट्रांसफर करते हैं या स्टूडेंट्स खुद अपने अकाउंट में जमा करते हैं। कुछ सप्ताह फंड रखने के बाद स्टेटमेंट ले ली जाती है। उसके बाद फंड फिर से ट्रांसफर कर लिया जाता है। एबेंसियों ने जांच मे सब सामने आ गया।

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