अहमदाबाद: 2024 लोकसभा चुनावों के बीच कांग्रेस पार्टी को एक और झटका लगा है। अहमदाबाद ईस्ट से कांग्रेस क उम्मीदवार बनाए गए राेहन गुप्ता ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। रोहन गुप्ता ने 16 मार्च को अहमदाबाद पूर्व लोकसभा सीट पर पिता के खराब स्वास्थ्य को देखते हुए लड़ने से मना कर दिया था। रोहन गुप्ता को कांग्रेस पार्टी ने 12 मार्च को अहमदाबाद पूर्व सीट से उम्मीदवार बनाया था। बेटे की उम्मीदवारी के बाद पिता राजकुमार गुप्ता ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। उनके अस्वस्थ्य होने जानकारी सामने आई थी। इसके बाद रोहन गुप्ता ने पार्टी का आभार व्यक्त करते लड़ने से मनाकर दिया था। इसके बाद से ही उनके पार्टी छोड़ने की अटकलें लग रही थीं। रोहन गुप्ता पूर्व में कांग्रेस की राष्ट्रीय सोशल मीडिया और आईटी विभाग के प्रमुख रह चुके हैं। वे कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी थे। रोहन गुप्ता ने पार्टी छोड़ने के पीछे कांग्रेस से जुड़े एक नेता को जिम्मेदार बताया है। गुप्ता ने लिखा है वामपंथी माइंडसेट के उस नेता ने सनातन धर्म के अपमान पर पार्टी को बोलने नहीं दिया।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेजे इस्तीफे में रोहन गुप्ता ने लिखा है कि मैं पिछले तीन दिनों से अपने पिता के खराब स्वास्थ्य की दिक्कत से जूझ रहा हूं। कांग्रेस पार्टी को 40 देने वाले मेरे पिता के साथ किस तरह का सलूक किया गया। उन्होंने उसे बयां किया है। उनके आंसु थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। राेहन गुप्ता ने लिखा है कि मैं नहीं चाहता हूं कि कांग्रेस में रहकर पिता की तरह अपने नेताओं के विश्वासघात की कीमत चुकाऊं। रोहन गुप्ता ने लिखा है कि मेरे पिता ने मुझे बताया है कि कैसे उनके साथ साजिश और विश्वासघात करने वाले बच निकले। राेहन गुप्ता को अहमदाबाद पूर्व की सीट से कांग्रेस का टिकट लौटाने पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। रोहन गुप्ता ने इसका भी जिक्र अपने इस्तीफे में किया है। गुप्ता ने लिखा है कि उम्मीदवारी वापस लेना काफी कठिन निर्णय लिया।
अब मैं पार्टी के कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट से जुड़े नेता द्वारा लगातार अपमान और चरित्र हनन के कारण एक और सबसे कठिन निर्णय ले रहा हूं। रोहन गुप्ता ने लिखा है कि पिछले 15 सालों तक पार्टी की सेवा करने अब आगे काम नहीं करना चाहता हूं। इसलिए तमाम पदों के साथ प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ रहा हूं। रोहन गुप्ता ने इस्तीफे को स्वीकार करने का आग्रह करते हुए लिखा है कि जिस व्यक्ति ने पिछले दो सालों से मुझे अपमानित किया है। वह पिछले तीन दिनों से ऐसा करने से नहीं हट रहा है, मुझे यकीन है कि वह भविष्य में भी ऐसा करने से बाज नहीं आएगा। कोई भी उसे रोक नहीं पाएगा, लेकिन अब मैं अपने आत्मसम्मान पर और कोई प्रहार सहने के लिए तैयार नहीं हूं। टूटे दिल से मैंने इस्तीफा देने का फैसला लिया है। यह बहुत कठिन है लेकिन मेरे आत्मसम्मान की रक्षा के लिए जरूरी है। अब मेरी नैतिकता मुझे पार्टी में बने रहने की इजाजत नहीं दे रही है। उस नेता ने अपने अहंकारी और असभ्य व्यवहार से पार्टी को भी नुकसान पहुंचाया है।
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