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शौकीनों को बड़ा झटका, तंदूर जलाने पर लगा बैन, लगेगा 5 लाख रुपये जुर्माना

जबलपुरः शहर में तंदूर जलाने पर रोक लगा दी गई है, यानि आप अब तंदूरी रोटी या तंदूरी चिकन के लिए तरस जाएंगे। काफी दिनो से प्रशासन की जानकारी में यह बात सामने आ रही थी की शहर में तंदूर ज्यादा मात्रा में जलने से प्रदूषण का लेवल खूब बढ़ रहा है। इसलिए इन पर रोक लगाने का फैसला लिया गया है। ऐसे में जबलपुर ऐसा पहला शहर होगा जहां तंदूर जलाने पर रोक लग गई है। गौरतलब है कि प्रशासन के एक आदेश के बाद होटल और टैंट संचालकों में भी हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।

तंदूरी रोटी और तंदूरी चिकन के शौकीनों में निराशा

इस आदेश के बाद तंदूरी रोटी के शौकीन लोगों को निराशा हो रही है। अब उनकी पसंदीदा डिश आसानी से उपलब्ध नहीं होगी। हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि सेहत के लिहाज से यह आदेश लोगों में खुशी लेकर आया है, लेकिन इसमें होटल संचालक भी बेहद खफा हैं, उनके अलग मत हैं, वहीं प्रशासनिक अधिकारियों के अलग मत हैं। होटल संचालकों का कहना है कि प्रशासन का यह आदेश गैर व्यावहारिक है। इस आदेश पर प्रशासन को पुनर्विचार करना चाहिए, वहीं प्रशासन प्रदूषण की दुहाई दे रहा है।

आदेश का उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई

प्रशासन का तर्क यह है कि तंदूर से निकलने वाले धुएं से प्रदूषण फैलता है और तंदूर सेहत के लिए नुकसानदायक है और यह निर्णय हवा की क्वालिटी सुधारने के लिए लिया गया है। प्रशासन के अनुसार प्रदूषण कम करने के लिए यह फैसला लिया गया है। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर 5 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है। संभवतया जबलपुर प्रदेश का पहला जिला है, जहां इस तरह का आदेश जारी किया गया है।

निराश ना हों, ऐसे बनाएं तंदूरी

इस आदेश के तहत यह भी कहा गया है कि आप तंदूरी खाद्य पदार्थ दूसरी तरह से भी बना सकते हैं। खाद्य विभाग ने हाल ही में 50 होटलों को नोटिस जारी किया था जिसमें लकड़ी और कोयले वाले तंदूर नहीं जलाने की बात कही गई थी। साथ ही खाद्य विभाग ने यह छूट दी थी कि एलपीजी या इलेक्ट्रिक तंदूर जलाकर तंदूरी खाद्य पदार्थ बनाए जा सकते हैं।

हवा क्वालिटी सुधारने चल रहे विभिन्न अभियान

केंद्र के निर्देश पर हवा की क्वालिटी सुधारने और पर्यावरण को स्वच्छ बनाने की दृष्टि से सभी राज्य अलग-अलग अभियान चला रहे हैं, जिससे प्रदूषण कम किया जा सके। इसी क्रम में जबलपुर प्रशासन ने भी कोशिश की है कि जिले में हवा की गुणवत्ता बेहतर रखना है। ऐसे में संभागायुक्त चंद्रशेखर ने मीडिया से बात करते वक्त बताया कि हमें जानकारी मिली थी कि होटलों में चलने वाले तंदूर लकड़ी और कोयला की आग से बनाए जा रहे थे और इससे निकलने वाले धुएं से प्रदूषण फैल रहा था।

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